मनरेगा घोटाला: मृतकों के नाम पर उठा पैसा, मुखिया समेत 11 पर प्राथमिकी दर्ज, ₹27.87 लाख की वसूली प्रक्रिया शुरू

KK Sagar
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हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड की अल्पिटो पंचायत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजनाओं में करोड़ों रुपये के गबन का पर्दाफाश हुआ है। पंचायत की मुखिया सुमिता देवी समेत 11 लोगों पर फर्जीवाड़ा, सरकारी राशि के गबन और आपराधिक षड्यंत्र का आरोप लगा है।

अविश्वसनीय अनियमितता: मृतकों के नाम पर मजदूरी भुगतान

साल 2022-23 में पशु/बकरी शेड और बिरसा सिंचाई कूप योजनाओं के अंतर्गत भारी अनियमितताएं उजागर हुईं। मृतक जगदीश रविदास की मृत्यु के 20 दिन बाद ₹1,08,415.20 की मजदूरी भुगतान दिखाया गया। इसी तरह फरवरी में मृत विजय रविदास के नाम पर मई में मजदूरी दर्ज की गई। बिना ग्रामसभा की स्वीकृति, बिना कार्य आदेश, बिना मापी पुस्तिका, फोटो और बिल के भी भुगतान दर्शाए गए।

मुखिया और सचिव पर भारी बकाया

इस पूरे घोटाले में ₹27,87,811.68 की वसूली योग्य राशि तय की गई है। इसमें से पंचायत की मुखिया सुमिता देवी पर ₹11,92,635.30 और तत्कालीन पंचायत सचिव शिव कुमार प्रसाद पर ₹11,02,615.50 की बकाया राशि लंबित है। अब तक ₹22,95,250.80 की वसूली नहीं हो पाई है।

गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज

दिनांक 17 जून 2025 को विष्णुगढ़ थाना में कांड संख्या 112/25 के तहत IPC की धारा 467, 468, 471, 406, 409, 419, 420, 427, 120B के तहत मामला दर्ज हुआ। नामजद आरोपियों में मुखिया सुमिता देवी, उनके पति धनेश्वर यादव, पंचायत सचिव शिव कुमार प्रसाद समेत 11 लोग शामिल हैं।

‘एक परिवार, एक जॉब कार्ड’ नियम का उल्लंघन

मुखिया के पति के भाइयों की पत्नियों और बच्चों के नाम पर 14 अलग-अलग जॉब कार्ड बनाए गए। मास्टर रोल में फर्जी मजदूर या बिना हस्ताक्षर वाले नाम दर्ज कर भुगतान किया गया। सामग्री आपूर्तिकर्ता झमन कुमार महतो द्वारा बिना बिल और रसीद के सामग्री आपूर्ति दिखाकर राशि उठाई गई।

बीडीओ ने कहा – “सुनियोजित वित्तीय षड्यंत्र”

प्रखंड विकास पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने इसे एक “सुनियोजित वित्तीय षड्यंत्र” करार दिया। उन्होंने कहा कि जांच में गबन और कागजी फर्जीवाड़े की पुष्टि हो चुकी है और दोषियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

जिला प्रशासन सख्त, उच्चस्तरीय जांच के आदेश

इस घोटाले को जिला प्रशासन ने “हाई प्रोफाइल वित्तीय अपराध” मानते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी है।

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