गरीब बेटियो की शादी करवाने से लेकर स्कूल, धर्मशाला तक बनाया
मिरर मीडिया : झारखंड का मोस्ट वांटेड 25 और लाख का इनामी दिनेश गोप को झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दिनेश गोप उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का सुप्रीमो है जिसे झारखंड पुलिस ने एनआईए के सहयोग से नेपाल से गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि पिछले काफी समय से ये उग्रवादी संगठन पुलिस के सिर दर्द बना हुआ था। रांची में बीजेपी के जिला महामंत्री बलराम सिंह ने गोंडा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसे दिनेश गोप ने फोन किया है। फोन कर दिनेश गोप ने उससे एके 47 राइफल की मांग की है। पीएलएफआई की नजर मुख्य रूप से छोटे अपराधियों पर रहती थी। वे छोटे मोटे अपराधियों को अपने संगठन से जोड़ता था और फिर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देता था।
झारखंड के खूंटी, रांची, सिमडेगा, चाईबासा, गुमला, लोहरदगा जैसे जिलों के लिए दिनेश गोप आतंक का दूसरा रूप था। दो दशक से झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द रहा पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप झारखंड के नक्सल प्रभावित जिले खूंटी के जरियागढ़ थाना क्षेत्र के गांव लप्पा मोहराटोली का रहने वाला था।
ग्रामीणों के मुताबिक एक समय दिनेश भारतीय सेना में जाने की तैयारी कर रहा था। इसके लिए उसने शारीरिक परीक्षा सहित दूसरी मेरिट लिस्ट में भी सफल रहा था। कहा जाता है कि सेना के द्वारा पत्र भी दिनेश गोप को भेजा गया था, लेकिन वह उसे मिला ही नहीं। क्योंकि उसी के गांव के कुछ दबंगों ने उस लेटर को दिनेश गोप तक पहुंचने ही नहीं दिया। जब इसकी जानकारी दिनेश गोप के भाई सुरेश को हुई तो वह दबंगों का विरोध करने लगा। दबंगों के विरोध की वजह से वह उनके निशाने पर आ गया और दबंगों से बचने के लिए वह नक्सलियो के साथ हो गया, लेकिन साल 2000 में दिनेश का भाई सुरेश पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारा गया। सुरेश के मारे जाने के बाद दिनेश गोमती छोड़कर भाग गया। लेकिन जब वह वापस लौटा तब वही सीधा सादा दिनेश गोप नहीं था। वह उग्रवादी संगठन जेएलटी के साथ लौटा। जेएलटी का नाम ही आगे चलकर पीएलएफआई हुआ।
गरीब बेटियो की शादी करवाने से लेकर स्कूल, धर्मशाला तक बनाए
ग्रामीणों को अपने पक्ष में जोड़ने के लिए काम करना शुरू कर दिया, ताकि उसका वर्चस्व हमेशा इलाके में बना रहे। इसके लिए उसने कई निशुल्क स्कूल खोला, धर्मशालाएं बनाई। यहां तक की गरीब बेटियो की शादी के लिए भी वह दिल खोलकर पैसा लुटाने लगा। दबंगों के द्वारा हड़पी गई गरीबों की जमीन दिलवाने के लिए वह पंचायत भी लगाने लगा।