सोलर पैनल से संचालित हो रही जिले की नौ कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, न्यूनतम स्तर का होता है प्रदूषण

Anupam Kumar
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मिरर मीडिया विश्व पर्यावरण दिवस विशेष:::

जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिले के 9 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में सोलर पैनल इनवर्टर लगाए गए हैं। इस इनवर्टर का कनेक्शन सभी विद्यालय के छात्रावास में किया गया है जहां पर छात्राओं द्वारा उपयोग किया जाने वाला ज्यादातर पंखे और बल्ब जलाए जाते हैं। हालांकि यहां पर बिजली कनेक्शन भी है लेकिन गर्मियों के मौसम में बिजली बिजली कटौती के कारण छात्राओं को कोई समस्या ना हो इसके लिए यहां सोलर पैनल इनवर्टर का भी उपयोग किया जाता है। जो पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अहम कदम भी है। सौर ऊर्जा के इस्तेमाल के कारण न्यूनतम स्तर का प्रदूषण होता है। पर्यावरणविदों की माने तो 100 किलोवाट के बिजली उत्पादन के लिए सालाना करीब 7 लाख लीटर डीजल की जरुरत पड़ेगी. वहीं इनसे करीब 2000 टन कार्बन डाई ऑक्साइड यानी CO2 का उत्सर्जन वातावरण में होगा। इन्हें वापस ऑक्सीजन में बदलने के लिए करीब 3000 पूर्ण रूप से विकसित पेड़ों की आवश्यकता होगी। ऐसे में अगर जिले सहित राज्य के सभी स्कूलों में अगर सौर ऊर्जा संयंत्र लगा दिए जाएं तो पर्यावरण और हरियाली को फायदा होगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

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