Bihar: ‘SIR का विरोध नहीं, चुनाव आयोग की प्रक्रिया का…’, तेजस्वी यादव ने क्यों बदला पैंतरा?

Neelam
By Neelam
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बिहार में चुनाव आयोग की ओर से कराए गए मतदाता सूची के पुनरीक्षण यानी एसआईआर का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। एसआईआर की गूंज दिल्ली तक सुनी जा रही है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव खुद इस मुद्दे पर लगातार सरकार और चुनाव आयोग को घेर रहे हैं। हालांकि, तेजस्वी ने अचानक पैंतरा बदल दिया है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को स्पष्ट कहा कि वे मतदाता सूची के पुनरीक्षण का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि चुनाव आयोग की अपारदर्शी कार्यप्रणाली का विरोध कर रहे हैं।

एसआईआर का विरोध नहीं, इसकी प्रक्रिया का विरोध-तेजस्वी

राजद नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘यह बिहार का दुर्भाग्य है, कई मतदाताओं के नाम लगातार हटाए जा रहे हैं। कई लोगों के पास दस्तावेज नहीं हैं और कई ऐसे व्यक्ति हैं, जो बिहार से बाहर रहते हैं, लेकिन बिहार में वोट देते हैं।’ उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि राजद एसआईआर का विरोध नहीं कर रही है, बल्कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया का विरोध कर रही है। लोगों के नाम कट गए, लेकिन कोई बताने वाला नहीं है कि नाम काटा तो क्यों काटा?

भाजपा चुनाव आयोग को आगे कर षड्यंत्र कर रही-तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह भाजपा का षड्यंत्र है और भाजपा, चुनाव आयोग को आगे करके अपना काम करवा रही है। बिहार को जरूरत विशेष पैकेज और विशेष राज्य के दर्जे की थी ताकि बिहार आगे बढ़े, लेकिन एसआईआर करवाया जा रहा है।

चुनाव आयोग पर सुप्रीम कोर्ट के सलाह की अनदेखी का आरोप

तेजस्वी यादव का आरोप है कि चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट की सलाह को भी अनदेखा कर रहा है और खुद को एक संवैधानिक संस्था बताकर अपनी जवाबदेही से बचने की कोशिश कर रहा है। तेजस्वी ने उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिंह के दो ईपिक नंबर पर भी कहा कि डिप्टी सीएम का मामला तो प्रकाश में आता ही नहीं। हमने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, तब सामने आया। उपमुख्यमंत्री ने तो खुद सारा मामला चुनाव आयोग पर थोप दिया।

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