अब ट्रेन मैनेजर के नाम से जाना जाएगा रेलवे गार्ड : एआईआरएफ के साथ रेलवे बोर्ड की बैठक में बनी सहमति

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बदलाव से गार्ड के सामाजिक स्टेटस में सुधार होगा – डी के पांडेय

अब 4600 और 4800 ग्रेड पे की लड़ाई के लिए रनिंग कर्मचारी एकजुट हों – ओ पी शर्मा

मिरर मीडिया : अंततः आल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन और जोनल यूनियन ईसीआरकेयू सहित रेलकर्मियों की काफी दिनों से चली आ रही मांग को पिछले 17-18 नवंबर को हुई फेडरेशन और रेलवे बोर्ड के स्थाई वार्ता तंत्र की बैठक में स्वीकृति प्रदान कर दी गई। इस बैठक में रेल कर्मचारियों के पक्ष की अध्यक्षता फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने किया। फेडरेशन की यह मांग थी कि ट्रेन गार्ड के पदनाम को बदल कर ट्रेन मैनेजर किया जाए। उक्त जानकारी देते हुए ईसीआरकेयू के केन्द्रीय अध्यक्ष डी के पांडेय ने बताया कि फेडरेशन ने गार्ड समुदाय के पदनाम को बदलकर ट्रेन मैनेजर करने की मांग वर्ष 2015 से उठा रखी थी।

फेडरेशन ने रेलवे बोर्ड के साथ होने वाली  स्थाई वार्ता तंत्र की बैठक के मद संख्या – 54/2015 के तहत विभिन्न स्तरों पर इस बदलाव के लिए आवश्यक तर्क रखे। प्रमुख तर्क यह दिया गया कि वर्तमान में बदलते हुए कार्य प्रणाली के तहत सेक्शन में ट्रेन संचालन की जिम्मेदारी गार्ड को सौंपी गई है। सेक्शन में ट्रेन संचालन के सभी आवश्यक दस्तावेज और डाटा को नोट करने, किसी प्रकार की गड़बड़ी, अनियमितता या जरूरतों की सूचना नियंत्रण कार्यालय और नजदीकी स्टेशन मास्टर को देने का काम भी ट्रेन गार्ड द्वारा किया जाता है। सवारी गाड़ियों में गार्ड द्वारा यात्रियों की आवश्यकताओं का समाधान करना, पार्सल सामग्रियों का सही निष्पादन करना, यात्रियों की सुरक्षा और यात्री गाड़ियों का संरक्षित संचालन पर के प्रति भी ट्रेन गार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।


ईसीआरकेयू के केन्द्रीय कोषाध्यक्ष सह एआईआरएफ के जोनल सेक्रेटरी ओ पी शर्मा ने बताया कि पूर्व में एआईआरएफ के पहल पर ट्रेन ड्राइवर का पदनाम को बदल कर लोको पायलट करने की मांग रेलवे बोर्ड ने स्वीकार कर लिया था परंतु ट्रेन गार्ड के पदनाम को ट्रेन मैनेजर करने की सहमति काफी प्रयासों के पश्चात इस बार हुई बैठक में मान ली गई है। जल्द ही इस संबंध में बोर्ड  द्वारा सभी जोनल महाप्रबंधकों को निर्देश पत्र जारी कर दिया जाएगा। इससे गार्ड समुदाय के सामाजिक स्टेटस में भी सुधार होगा। इस बदलाव की मांग की लंबी लड़ाई की सफलता पर उन्होंने सभी गार्ड समुदाय के संघर्ष और यूनियन तथा फेडरेशन पर आस्था बनाए रखने के लिए आभार प्रकट किया है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि वर्तमान में फेडरेशन गार्ड और लोको पायलट को 4600 और 4800 ग्रेड पे दिए जाने की मांग पर भी दबाव बनाए हुए है। रनिंग कर्मचारियों के एकजुट आंदोलन से इस मांग पर भी सफलता मिलेगी।

इस निर्णय से ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के एक के दा,एन के  खवास,टी के साहू,नेताजी सुभाष, इंद्रमुनी  सिंह ,बी के दुबे,के के सिंह, बीके झा,आर के सिंह, चमारी राम,सोमेन दत्ता,परमेश्वर कुमार,तपन बिस्वास,बी के सिंह,एम मंजेश्वर राव, इंद्रजीत प्रजापति, प्रदीप्टो सिन्हा और विश्वजीत मुखर्जी ने खुशी जाहिर की।उपरोक्त जानकारी ईस्ट सेंट्रल  रेलवे कर्मचारी यूनियन के मीडिया प्रभारी एनके खवास ने दी।

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