मिरर मीडिया : झरिया में वर्षो से फैले भूमिगत आग की मौजूदा दशा दिशा और स्थिति को लेकर
नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर हैदराबाद (एनआरएससी) की टीम अध्ययन करने वाली है। यह अध्ययन 2022-23 से लेकर 2024-25 तक के लिया किया जाएगा। इसके लिए 16 लोकेशन तय किया गया है, जो अधिक अग्नि प्रभावित खनन क्षेत्र के दायरे में आ रहा है।
बता दें कि इस सन्दर्भ में BCCL ने नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर को यह जिम्मेवारी सौंपते हुए एमओयू साइन कर हैदराबाद भेज दिया है। लिहाजा अगले सप्ताह इस पर काम शुरू हो जाएगा। वहीं आग की सैटेलाइट के माध्यम से एरियल व्यू तैयार कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके लिए बीसीसीएल 24 लाख सात हजार राशि खर्च करेगी।
गौरतलब है कि 22 साल में झरिया की आग की रफ्तार में काफी कमी आई है। 2004 में 8.9 स्क्वायर किमी में आग फैली थी, जो 2021 की रिपोर्ट में 1.80 स्क्वायर किमी में आ कर सिमट गई।