एक बार फिर बाबा रामदेव पर कसा कोर्ट का ‘शिकंजा’, शरबत जिहाद मामले में दिल्ली हाईकोर्ट सख्त

mirrormedia
4 Min Read

डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: कोरान काल में भ्रामक विज्ञापन को लेकर फजीहत झेल चुके पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव को एक बार फिर कानून की सख्ती का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को कड़ी फटकार लगाई। बाबा रामदेव के शरबत जिहाद वाले बयान पर दिल्ली हाईकोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया ने पतंजलि फूड्स लिमिटेड के खिलाफ रामदेव के बयान को लेकर याचिका दाखिल की थी। इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह बयान माफी के लायक नहीं है।

5 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करने का आदेश

पतंजलि और रामदेव के खिलाफ हमदर्द की तरफ से दायर एक मुकदमे में सुनवाई के दौरान जस्टिस अमित बंसल ने कड़े आदेश की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि वीडियो को देखकर आंख, कान पर यकीन नहीं होता। हाई कोर्ट ने कहा कि शराब जिहाद पर कथित टिप्पणी अनुचित है। कोर्ट ने इस मामले में 5 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इसमें कहा गया है कि कंपनी यह कहे कि वह भविष्य में ऐसा कोई विज्ञापन नहीं देगी। मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी।

रामदेव का नफरत फैलाने वाले भाषण

सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी हमदर्द की ओर से पेश हुए। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा, यह एक चौंकाने वाला मामला है, जो न केवल रूह अफजा को बदनाम करने, बल्कि ‘सांप्रदायिक विभाजन’ का भी मामला है। उन्होंने कहा कि रामदेव की टिप्पणी हेट स्पीच (नफरत फैलाने वाले भाषण) के समान है। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि अपनी टिप्पणी से रामदेव ने धर्म के आधार पर हमदर्द पर हमला किया है और इसे उन्होंने “शरबत जिहाद” नाम दिया है। हमदर्द के वकील ने अदालत को बताया कि हाल ही में पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए रामदेव ने दावा किया था कि हमदर्द के रूह अफजा से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया गया।

रामदेव ने किया था ‘शरबत जिहाद’ का प्रयोग

वहीं, रामदेव के वकील ने कहा कि शरबत जिहाद वाला विज्ञापन हटाया जाएगा। योग गुरु बाबा रामदेव ने तीन अप्रैल को अपने शरबत ब्रांड का प्रचार करते हुए हमदर्द कंपनी के शरबत पर विवादित टिप्पणी की थी। एक वीडियो में उन्होंने हमदर्द के रूह अफज़ा पर परोक्ष रूप से निशाना साधा था। साथ ही और दावा किया कि दूसरी कंपनी का शरबत अपने पैसे का इस्तेमाल मस्जिद और मदरसे बनाने में कर रहा है। रामदेव ने अपने वीडियो में ‘शरबत जिहाद’ शब्द का भी इस्तेमाल किया था।

भ्रामक विज्ञापन मामले में भी फंस चुके हैं बाबा

इससे पहले भी बाबा रामदेव को कोर्ट से कड़ी फटकार मिल चुकी है। भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को फटकार लगाई थी। 10 जुलाई 2022 को पतंजलि ने एक विज्ञापन जारी किया था। एडवर्टाइजमेंट में एलोपैथी पर गलतफहमियां फैलाने का आरोप लगाया गया था। इसके खिलाफ 17 अगस्त 2022 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई।

TAGGED:
Share This Article
Follow:
Mirror media digital laboratory Pvt. Ltd. Established February 2019. It is a Social Website channel Releted to News From all over india and Abroad with Reflection of truth. Mirror media is Connecting the people 24x7 and show all news and Views