प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वाराणसी से पीएम-किसान के तहत लगभग 20,000 करोड़ रुपये की 17वीं किस्त जारी की है।
उन्होंने कहा मुझे खुशी है कि पीएम किसान सम्मान निधि को सही लाभार्थी तक पहुंचाने के लिए टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल किया गया है।
उन्होंने कृषि सखियों के रूप में 30,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं अन्य कई राज्य मंत्री उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित और तकनीक के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े किसानों का अभिवादन किया और बताया कि करोड़ों किसानों के खाते में 20,000 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। उन्होंने कृषि सखी पहल को 3 करोड़ ‘लखपति दीदी’ बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पहल लाभार्थी महिलाओं के लिए गरिमा और आय के स्रोत का आश्वासन सुनिश्चित करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, “पीएम किसान सम्मान निधि दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना के रूप में उभरी है। उन्होंने कहा कि करोड़ों किसानों के बैंक खातों में 3.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हस्तांतरित किए गए हैं, जहां अकेले वाराणसी में 700 करोड़ रुपये परिवारों को हस्तांतरित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने लाभ को योग्य लाभार्थियों तक पहुंचाने में प्रौद्योगिकी के उपयोग की सराहना की और विकसित भारत संकल्प यात्रा का भी श्रेय दिया, जिसने 1 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम किसान योजना के तहत खुद को पंजीकृत करने में सक्षम बनाया। उन्होंने कहा कि पहुंच बढ़ाने के लिए नियमों और विनियमों को सरल बनाया गया है। श्री मोदी ने कहा, जब इरादे और विश्वास सही जगह पर हों तो किसान कल्याण से जुड़े काम तेजी से होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि सखी कार्यक्रम ड्रोन दीदी कार्यक्रम की तरह ही इस दिशा में एक कदम है। आशा कार्यकर्ताओं और बैंक सखियों के रूप में महिलाओं के योगदान को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र अब कृषि सखियों के रूप में महिलाओं की क्षमताओं को देखेगा।
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर पहली बार काशी पधारे हैं। उन्होंने कहा कि इतने बहुमत से तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना एक इतिहास है। श्री चौहान ने कहा कि जनता द्वारा दिया गया यह जनादेश अपने आप में अद्भुत और अभूतपूर्व है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए किसान ही भगवान है और किसानों की सेवा भगवान की पूजा के समान है। इसी भाव से भारत सरकार लगातार किसानों के कल्याण के कार्य में लगी है। श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये प्रधानमंत्री जी की किसानों और खेती के प्रति प्रतिबद्धता ही है कि उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद सबसे पहले किसान सम्मान निधि अर्थात् किसान के खाते में पैसे डालने वाली फाइल पर साइन किया और आज यहां आकर अपना पहला कार्यक्रम भी किसानों के बीच में किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री जी के सिंगल क्लिक से लगभग सवा 9 करोड़ किसानों के खाते में 20,000 करोड़ रुपये डलने के बाद लगभग 3,25,000 करोड़ रुपये अब तक किसानों के खाते में डाल दिए गए हैं। श्री चौहान ने कहा कि किसानों की आय दुगनी करने के रोडमैप पर लगातार काम हुआ है। इसके लिए एक और सिंचाई योजनाओं के माध्यम से नई तकनीक का प्रयोग कर उत्पादन बढ़ाने के प्रयास लगातार जारी हैं तो दूसरी और उत्पादन की लागत घटाने के लिए सरकार अरबों रुपए की सब्सिडी देती है जिससे किसान को सस्ती खाद मिलती है। श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दुनिया में खाद के दाम आसमान पर हैं, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार किसानों को सस्ती खाद उपलब्ध करवा रही है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड जैसी अद्भुत योजना ने साहूकारों के चंगुल से किसान को मुक्त किया है और छोटे किसान, किसान सम्मान निधि से खाद और बीज की व्यवस्था करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिए गये फैसले के अनुरुप सभी प्रदेशों में किसान को फसलों के बेहतर दाम दिलाने के लिए फसल की लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत का लाभ देकर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाता है। श्री चौहान ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में अगर फसल को नुकसान होता है तो भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बनाई गयी है तो वहीं कृषि के विविधीकरण को लेकर भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं जैसे – फूलों की खेती, फलों की खेती, सब्जियों की खेती, औषधीय खेती, कृषि वानिकी, कृषि के साथ पशुपालन, मधुमक्खी पालन आदि को बढ़ावा ताकि किसान की आय दोगूनी हो जाए।