देश : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर 15वें ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी 22-24 अगस्त तक दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर रहेंगे ।
साथ ही वह भाग लेने वाले नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। 2019 के बाद यह पहला व्यक्तिगत ब्रिक्स शिखर सम्मेलन है। इस आयोजन में 45 से अधिक देशों के प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहे हैं।
मालूम हो कि ब्रिक्स दुनिया की 5 प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के संगठन का एक नाम है। इस संगठन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। ब्रिक्स के सदस्य अपने क्षेत्रीय मसलों पर बातचीत करते हैं और उसके समाधान के बारे में सोचते हैं। ब्रिक्स शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता हर साल इसके सदस्य राष्ट्रों की ओर से की जाती है। पांच देशों में से हर साल बदल-बदलकर इस सम्मेलन की मेजबानी करते हैं।
बता दें कि करीब 40 देश हैं जो ब्रीक्स की सदस्यता चाहते हैं। ब्रिक्स सदस्य समूह के विस्तार को लेकर ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कजाकिस्तान, इंडोनेशिया और अर्जेंटीना इस समूह का हिस्सा बनने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रहे हैं। ये सारे देश ब्रिक्स की सदस्यता हासिल करने को लेकर गहरी रुचि दिखा रहे हैं।
इस मुद्दे पर वर्तमान में शेरपाओं द्वारा चर्चा की जा रही है। भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा है कि ब्रिक्स विस्तार की बात आती है तो हम बहुत स्पष्ट हैं कि हमारा इरादा बेहद सकारात्मक है। क्वात्रा ने आगे कहा कि ब्रिक्स आम सहमति के सिद्धांत पर काम करता है, इसलिए सभी सदस्य देशों को इस बात पर पूरी सहमति होनी चाहिए कि वे ब्रिक्स का विस्तार कैसे चाहते हैं, उस विस्तार के मार्गदर्शक सिद्धांत क्या होने चाहिए और इस तरह के विस्तार के मानदंड क्या होंगे।
इसी बीच 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना तेज हो गई है। ऐसी अटकलें हैं कि मोदी और शी के बीच बातचीत होगी लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पिछले हफ्ते, भारतीय और चीनी सेना के कमांडर अपने एलएसी गतिरोध को कम करने की दिशा में तेजी से काम करने पर सहमत हुए।