प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फरवरी में फ्रांस दौरा: एआई एक्शन समिट में भारत की होगी महत्वपूर्ण भागीदारी

KK Sagar
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 से 11 फरवरी 2025 तक फ्रांस में आयोजित होने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक्शन समिट में भाग लेंगे। यह दौरा यूरोपीय देशों के साथ भारत के बढ़ते तकनीकी और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करेगा। इस समिट की घोषणा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रॉयटर्स के माध्यम से की।

राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी हमारे देश में एक प्रमुख यात्रा पर आएंगे। एआई समिट हमें भारत जैसे प्रमुख देशों, खाड़ी राष्ट्रों, अमेरिका और चीन के साथ संवाद स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगा।”

एआई समिट का उद्देश्य और महत्व

पेरिस के ग्रैंड पैलेस में आयोजित होने वाले इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य एआई के विकास, नवाचार और इसके वैश्विक प्रभाव पर चर्चा करना है। यह समिट अंतरराष्ट्रीय मंच पर एआई के उपयोग, विकास और विनियमन के लिए संवाद का अवसर प्रदान करेगा। इसमें 90 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, प्रमुख कंपनियों के सीईओ, शिक्षाविद, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि और नागरिक समाज के सदस्य हिस्सा लेंगे।

राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन पांच प्रमुख विषयों पर केंद्रित होगा:

  1. एआई में सार्वजनिक हित
  2. कार्य का भविष्य
  3. नवाचार और संस्कृति
  4. एआई में विश्वास
  5. वैश्विक एआई शासन

भारत की भूमिका और विशेष योगदान

फ्रांसीसी प्रेसीडेंसी ने भारत को इस समिट में भाग लेने के लिए “बहुत महत्वपूर्ण देश” करार दिया है। भारत की एआई तकनीकों के विकास और इसके सामाजिक उपयोग को देखते हुए, इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।

प्रेसीडेंसी ने कहा, “हमने भारत को आमंत्रित किया है और भारत के साथ मिलकर समिट की तैयारी कर रहे हैं। भारत के योगदान से हम समिट में गलत सूचना और एआई के दुरुपयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।”

समिट की संरचना

10 फरवरी 2025:
राष्ट्राध्यक्षों और सरकारी प्रतिनिधियों सहित विभिन्न हितधारक सत्रों में भाग लेंगे।
राष्ट्रपति मैक्रों उस शाम औपचारिक रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे।

11 फरवरी 2025:
नेताओं के लिए विशेष सत्र आयोजित होगा, जिसमें एआई की वैश्विक चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा होगी।

फ्रांस का एआई नेतृत्व और यूरोप का लक्ष्य

राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि फ्रांस और यूरोप को एआई नवाचार और प्रतिभा के केंद्र में लाना उनका प्राथमिक उद्देश्य है। उन्होंने कहा, “एआई के क्षेत्र में नवाचार और प्रतिभा को आकर्षित करने की क्षमता फ्रांस और यूरोप को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी।”

एआई और वैश्विक संवाद का महत्व

राष्ट्रपति मैक्रों ने जोर देकर कहा कि एआई का सही उपयोग और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए वैश्विक सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा, “अमेरिका, चीन, भारत और खाड़ी देशों जैसी शक्तियों की भूमिका एआई के विकास और विनियमन में महत्वपूर्ण है।”

भारत और फ्रांस के बढ़ते संबंध

यह शिखर सम्मेलन भारत और फ्रांस के बीच बढ़ते रणनीतिक और तकनीकी सहयोग को भी उजागर करता है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा दोनों देशों के बीच आपसी समझ और सहयोग को और गहरा करेगा।

गौरतलब हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन समिट 2025 भारत और फ्रांस के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर एआई के विकास और विनियमन के लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगा। प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी भारत की वैश्विक तकनीकी नेतृत्व और कूटनीतिक संबंधों को और सशक्त बनाएगी।

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