Table of Contents
EVM-VVPAT पर लगातार विपक्ष द्वारा उठाए जा रहें सवालों के मद्देनज़र Supreme Court ने संज्ञान लिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने VVPAT वीवीपैट की सभी पर्चियों की गिनती कराने के अनुरोध पर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। Supreme Court में जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल और एडीआर के वकीलों की दलीलों पर गौर करते हुए यह नोटिस जारी किया है।
Supreme Court द्वारा EVM-VVPAT मशीन को लेकर जारी नोटिस को कांग्रेस ने बताया पहला महत्वपूर्ण कदम
गौरतलब है कि 2024 के Loksabha Election की तारीखों का ऐलान हो चूका है जबकि पहले चरण की नामांकन करने की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है ऐसे में Supreme Court द्वारा EVM-VVPAT मशीन को लेकर उठाए गए कदम के लिए जारी की गई नोटिस को कांग्रेस पार्टी ने पहला महत्वपूर्ण कदम बताया है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने यह मांग भी की है कि इस विषय पर लोकसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू होने से पहले निर्णय किया जाना चाहिए।
वर्तमान में EVM की लगभग 20,000 VVPAT पर्चियां ही सत्यापित
दरअसल Supreme Court में दायर याचिका में कहा गया है कि सरकार ने लगभग 24 लाख VVPAT मशीन की खरीद पर लगभग 5,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं लेकिन वर्तमान में केवल लगभग 20,000 वीवीपैट पर्चियां ही सत्यापित हैं। वहीं इस मामले में अगली सुनवाई 17 मई को हो सकती है। याचिका में मांग की गई है कि सभी VVPAT की पेपर स्लिप की गिनती की जाए।
फिलवक्त वीवीपीएटी पर्चियों के माध्यम से केवल पांच EVM के सत्यापन का नियम है। याचिका में चुनाव को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि मतदाता को वीवीपैट से निकली पर्ची को मतपेटी में डालने की अनुमति दी जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मतदाता का मत ‘रिकॉर्ड के रूप में गिना गया है।
EVM-VVPAT पर विपक्ष लगातार उठा है सवाल
बता दें कि विपक्ष द्वारा लगातार EVM मशीन की सत्यता पर उठाया जाता रहा है। वहीं कांग्रेस ने EVM ईवीएम में जनता का विश्वास बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करने के लिए 100 प्रतिशत VVPAT वीवीपैट की मांग की हैं।
EVM की VVPAT से निकली पर्ची बताता है आपका वोट सही गया है या नहीं
जानकारी दे दें कि EVM-VVPAT वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है जो मतदाता को यह देखने की अनुमति प्रदान करती है कि उसका वोट उसके चयन उम्मीदवार को गया है। यानी VVPAT से निकले कागज की पर्ची को देख मतदाता सही और गलत की पहचान कर सकता है। VVPAT से निकले पर्ची को एक सीलबंद डिब्बे में रखा जाता है और विवाद की स्थिति में इसे खोला जा सकता है।
ये भी पढ़े :-
- जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: प्रचार कुछ ही घंटों में समाप्त, 18 सितंबर को 24 सीटों पर पहले चरण का मतदान
- देश के पहले वंदे मेट्रो का नाम बदलकर हुआ नमो भारत रैपिड रेल, PM मोदी करेंगे वर्चुअल उद्घाटन
- साइक्लोनिक सर्कुलेशन से बदला मौसम, झारखंड में भारी बारिश का दौर जारी, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
- 24 घंटा बीतने के बाद भी नहीं पकड़ा जा सका रिकवरी एजेंट को गोली मारने वाला अपराधी : रागिनी सिंह ने कहा कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल
- Jamshedpur : खरकई नदी खतरे के निशान के ऊपर, स्वर्णरेखा के जलस्तर में भी वृद्धि