भाई-बहन के पवित्र प्रेम का पर्व रक्षाबंधन आज पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस साल यह पर्व विशेष रूप से शुभ माना जा रहा है, क्योंकि 9 अगस्त 2025 को सर्वार्थ सिद्धि योग और शोभन योग का संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इन दोनों योगों में किए गए कार्य शुभ फल देते हैं और सफलता सुनिश्चित होती है।
इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं है। भद्रा रहित समय में राखी बांधना शास्त्रों में उत्तम माना गया है। सूर्योदय से पहले ही भद्रा समाप्त हो गई, जिससे दिनभर शुभता बनी रहेगी। साथ ही, आज श्रावण पूर्णिमा का स्नान और दान का भी महत्व है।
रक्षाबंधन 2025 का शुभ मुहूर्त
दृक पंचांग के अनुसार, सावन पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे शुरू हुई थी, जो 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे तक रहेगी। राखी बांधने का शुभ समय सुबह 5:46 बजे से 1:24 बजे तक रहेगा।
हालांकि, इस दौरान राहुकाल और दुर्मुहूर्त से बचना आवश्यक है।
दुर्मुहूर्त: सुबह 5:46 से 7:34 बजे तक
राहुकाल: सुबह 9:02 बजे से 10:41 बजे तक
इस तरह, राखी बांधने का शुद्ध समय दो चरणों में रहेगा:
- सुबह 7:34 बजे से 9:01 बजे तक
- सुबह 10:41 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि यदि कोई बहन सुबह मुहूर्त में राखी नहीं बांध पाए, तो शाम को भी शुभ समय देखकर राखी बांध सकती है।
विशेष योग और महत्व
आज सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव योग भी बन रहे हैं, जो सौभाग्य, सफलता और समृद्धि के प्रतीक हैं। माना जाता है कि इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनके जीवन में खुशहाली, लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करती हैं, जबकि भाई बहनों की रक्षा का वचन देते हैं।
बाजारों में सुबह से ही रौनक देखी जा रही है, मिठाई और राखियों की दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। घर-घर में पकवान बन रहे हैं और परिवार के लोग इस पवित्र बंधन को सेलिब्रेट करने के लिए तैयार हैं।