मुर्शिदाबाद में रील बनाना पड़ा भारी, रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से दो युवकों की दर्दनाक मौत

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में सोशल मीडिया की चकाचौंध ने दो युवकों की जिंदगी छीन ली। भागवानगोला थाना क्षेत्र के माइल बासा इलाके में रेलवे ट्रैक पर रील बनाते समय तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से दो युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों की पहचान सहाबुल शेख और अमजेद शेख के रूप में हुई है, जो लालबाग के ऐसबाग टिकटीपाड़ा इलाके के निवासी थे। दोनों अपनी मौसी के घर घूमने आए थे, लेकिन रील बनाने की चाहत उनकी जिंदगी पर भारी पड़ गई।

स्थानीय सूत्रों और पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, सहाबुल और अमजेद रेलवे ट्रैक पर इंटरनेट मीडिया के लिए वीडियो शूट कर रहे थे। दोनों स्टंट करते हुए वीडियो बनाने में इतने मशगूल थे कि उन्हें पीछे से आ रही तेज रफ्तार ट्रेन का अंदाजा ही नहीं हुआ। ट्रेन की चपेट में आने से एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरे को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया। दुर्भाग्यवश, अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने भी दम तोड़ दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हादसा इतना भयावह था कि आसपास के लोग दहशत में आ गए और घटनास्थल पर भीड़ जमा हो गई।

सोशल मीडिया का खतरनाक जुनून
यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने की चाहत और इसके खतरों को एक बार फिर उजागर करती है। हाल के वर्षों में रील बनाने के दौरान हुए हादसों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है। अप्रैल 2025 में बिहार के छपरा में भी दो युवक, कल्लू कुमार और दीपक कुमार रेलवे ट्रैक पर रील बनाते समय बलिया-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस की चपेट में आकर मारे गए थे। इसी तरह 2024 में उत्तर प्रदेश के इटावा में भी दो युवकों, रंजीत कुमार और अनुज कुमार, की रील बनाने के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि सोशल मीडिया पर लोकप्रियता की लालसा जानलेवा साबित हो रही है।

घटना की सूचना मिलते ही भागवानगोला थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने पुष्टि की कि हादसा रील बनाने के दौरान लापरवाही के कारण हुआ। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है, और पुलिस स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि घटना की पूरी जानकारी जुटाई जा सके। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे रेलवे ट्रैक जैसी खतरनाक जगहों पर रील बनाने से बचें और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें।

रील के चक्कर में बढ़ते हादसे
सोशल मीडिया के इस दौर में रील बनाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही ऐसी घटनाएं भी सामने आ रही हैं, जो चेतावनी देती हैं। 2024 में लखीमपुर खीरी में एक दंपती और उनके दो साल के बच्चे की रेलवे ट्रैक पर रील बनाते समय ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि युवा खतरनाक स्थानों पर स्टंट करने से पहले जोखिम का आकलन नहीं करते, जिसके परिणामस्वरूप ऐसी दुखद घटनाएं हो रही हैं।

सुरक्षा के लिए जागरूकता जरूरी
यह हादसा न केवल सहाबुल और अमजेद के परिवारों के लिए एक त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक सबक है। रेलवे ट्रैक, नदियां, और ऊंची इमारतें जैसी खतरनाक जगहों पर रील बनाना जानलेवा हो सकता है। पुलिस और प्रशासन बार-बार लोगों से सुरक्षित रहने की अपील कर रहे हैं, लेकिन युवाओं में सोशल मीडिया की लोकप्रियता का जुनून कम होने का नाम नहीं ले रहा।

इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है कि क्या कुछ लाइक्स और व्यूज की खातिर अपनी जान जोखिम में डालना उचित है? समाज और सरकार को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदियों को रोका जा सके।

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