स्कूल के जवाब से संतुष्ट नहीं है शिक्षा विभाग, एक सप्ताह में प्रमाण के साथ मांगा जवाब, नहीं तो की जाएगी कार्रवाई की अनुशंसा
मिरर मीडिया : कार्मेल स्कूल के जवाब से जिला शिक्षा विभाग संतुष्ट नहीं है। शिक्षा विभाग ने एक बार फिर एक पत्र कार्मेल स्कूल को जारी किया है और उसका जवाब एक सप्ताह में देने को कहा है। पत्र में जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस ने कहा है कि शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए शुल्क विवरणी में अंकित प्रत्येक वर्ष चार हजार रुपये मेंटिनेंश शुल्क 3,600 रुपये टेक्नालाजी शुल्क के साथ-साथ अन्य कई प्रकार का शुल्क छात्रों से वसूली जाती है। इसके अलावा एजुकेशन एक्सटेंशन शुल्क लेने का कोई औचित्य नहीं है। इसके लिए यदि आइसीएसई बोर्ड द्वारा कोई मापदंड निर्धारित है तो उसकी प्रति के साथ प्रतिवेदन उपलब्ध कराए। अथवा वसूली गई एजुकेशन एक्सटेंशन शुल्क का सामंजसय टयूशन फीस में करते हुए उसकी सूचना साक्ष्य के साथ एक सप्ताह के अंदर कार्यालय को उपलब्ध करएं, ताकि उच्चाधिकारियों को वास्तुस्थिति से अवगत कराया जा सके।
जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस ने कहा है कि अन्यथा की स्थिति में स्कूल के विरुद्ध झारखंड सरकार द्वारा निजी विद्यालयों हेतु निर्धारित नियम-परिनियम के अनुसार कार्रवाई की अनुशंसा करना बाध्यता होगी। जिसकी संपूर्ण जवाबदेही स्कूल प्रबंधन की होगी।
बता दे कि मनमाना फीस वसूली को लेकर शिकायत के बाद डीईओ ने कार्मेल स्कूल से स्पष्टीकरण तलब किया था। जिसमें वसूली गई शुल्क की राशि की स्थिति स्पष्ट करने एवं आइसीएसई द्वारा निर्धारित मापदंड की प्रति उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया था। लेकिन कार्मेल स्कूल द्वारा विभाग के आदेश की अवहेलना कर एक जून को दिए गए पत्र में कहा था कि छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए उन्नत आधाभूत संरचना, वर्गकक्ष, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, शिक्षकों के सेमिनार, छात्रों का सेमिनार, करियर काउंसिलिंग, को-कैरीकूलर गतिविधि के लिए एजुकेशन एक्सटेंशन शुल्क का इस्तेमाल किया जाता है। जिसके बाद संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण फिर से स्कूल के एक बार पत्र दिया गया है। हालांकि जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा केवल पत्र -पत्र ही खेला जाएगा या फिर अभिभावकों के हित में कुछ कार्रवाई भी की जाएगी यह देखने वाली बात होगी।