आजकल पति-पत्नी के रिश्तों में बढ़ती दरारें एक गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। पहले जहां अधिकतर पुरुष अपनी तकलीफों से हार मानकर आत्महत्या का रास्ता अपना लेते थे, वहीं अब एक नया और भयावह चलन देखने को मिल रहा है—जहां पत्नियां अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करने लगी हैं।
विवाह, जो एक पवित्र बंधन माना जाता है, अब अपनी मूल भावनाओं—ईमानदारी और समर्पण—से वंचित होता जा रहा है। नैतिक मूल्यों की गिरावट के कारण रिश्तों में धोखा और विश्वासघात बढ़ रहे हैं, जिससे न केवल परिवार टूट रहे हैं बल्कि कई जिंदगियां भी बर्बाद हो रही हैं।
दुखद पहलू यह है कि मजबूर और पीड़ित पुरुष समाज के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त भी नहीं कर पाते, और कई बार निराशा में आकर आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा लेते हैं। ऐसे मामलों में कानून को और अधिक सख्ती दिखाने की जरूरत है ताकि इस तरह की हृदयविदारक घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। रिश्तों में पारदर्शिता, प्रेम और सम्मान को पुनः स्थापित करना ही इस समस्या का एकमात्र समाधान हो सकता है।
दर्दनाक घटना
मेरठ के ब्रह्मपुरी में मर्चेंट नेवी ऑफिसर सौरभ सिंह राजपूत हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि पत्नी मुस्कान का प्रेम-प्रसंग साहिल नामक युवक से चल रहा था। जब सौरभ को इसका पता चला, तो उसने तलाक देने से इनकार कर दिया। पांच साल की मासूम बेटी पीहू के भविष्य को देखते हुए वह अपने रिश्ते को बचाना चाहता था, लेकिन मुस्कान और साहिल ने मिलकर उसकी दर्दनाक हत्या कर दी।
तलाक की जिद, सौरभ की आखिरी चीखें और बेरहम कत्ल
सौरभ जनवरी में लंदन से मेरठ लौटा था। मुस्कान ने उससे तलाक मांगा, लेकिन जब उसने इनकार कर दिया तो दोनों के बीच झगड़े बढ़ने लगे। हत्या के दिन मुस्कान ने फिर तलाक की मांग की, लेकिन सौरभ ने बेटी पीहू की खातिर रिश्ता बचाने की कोशिश की। यह बात मुस्कान को नागवार गुजरी और उसने साहिल के साथ मिलकर सौरभ को मारने की योजना बना ली।
हत्या से पहले मुस्कान और साहिल ने ड्रग्स मिलाकर सिगरेट पी, जिससे खुद को नशे में कर सकें। फिर उन्होंने चाकू से ताबड़तोड़ वार किए। दर्द से कराहते सौरभ ने गिड़गिड़ाते हुए कहा, “मुझे मत मारो, मैं तलाक दे दूंगा,” लेकिन दोनों के दिल पत्थर हो चुके थे। उन्होंने लगातार वार कर उसकी जान ले ली।
50 टुकड़े कर शव को ड्रम में डालकर सीमेंट से भरा
हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने की साजिश रची गई। पहले से ही कबाड़ी बाजार से प्लास्टिक का ड्रम और झंडा चौक से सीमेंट खरीद लिया गया था। हत्या के बाद मुस्कान और साहिल ने शव के 50 टुकड़े किए और उन्हें ड्रम में डालकर सीमेंट से भर दिया। सीमेंट रातभर में पत्थर जैसा सख्त हो गया, जिससे बदबू बाहर न आ सके।
घर में सोती रही मासूम बेटी, कातिल चैन की नींद लेते रहे
जिस समय यह खौफनाक वारदात हुई, उसी समय मासूम पीहू घर के दूसरे कमरे में सो रही थी। वह नहीं जानती थी कि उसकी मां और साहिल ने उसके पिता को निर्ममता से मार डाला है। हत्या के बाद मुस्कान और साहिल चैन से सो गए, जैसे कुछ हुआ ही न हो।
शव की दुर्गंध से खुला राज, पुलिस भी रह गई दंग
हत्या के कुछ दिनों बाद जब शव से तेज बदबू फैलने लगी, तो पड़ोसियों को शक हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। जब पुलिस पहुंची, तो उन्होंने ड्रम को काटने की कोशिश की, लेकिन सीमेंट इतना सख्त हो चुका था कि वह नहीं कटा। आखिरकार, ड्रम को पोस्टमार्टम हाउस ले जाया गया, जहां दो मशीनों से सीमेंट को तोड़ा गया और शव को बाहर निकाला गया।
मां-बाप ने खुद मांगी बेटी के लिए फांसी की सजा
इस वारदात के बाद मुस्कान के माता-पिता भी सदमे में हैं। उनकी मां ने कहा, “हमारा दामाद बहुत नेक इंसान था। हमें सौरभ से बहुत लगाव था। हमारी बेटी ने जो किया, वह अक्षम्य है। अगर उसे फांसी की सजा नहीं मिली, तो हम खुद उसे मार देंगे।”
हत्या की साजिश पहले से रची गई थी
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि यह हत्या किसी गुस्से में नहीं, बल्कि पूरी योजना के तहत की गई थी। पहले से ही ड्रम और सीमेंट लाकर रख दिया गया था। वारदात के दिन ड्रग्स लेकर सौरभ की हत्या की गई और फिर शव को ठिकाने लगाया गया।
दोनों आरोपी गिरफ्तार, जल्द हो सकती है फांसी की सजा
फिलहाल पुलिस ने मुस्कान और साहिल को गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी है। सौरभ के परिवार और मुस्कान के माता-पिता दोनों फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि यह शर्मनाक और नृशंस हत्याकांड है, जिसके लिए आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी।