जमशेदपुर: सांख्यिकी के जनक प्रशांत चंद्र महलनोबिस के जयंती के मौके पर बर्मामाइंस स्थित राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय जमशेदपुर मे संगोष्ठी का आयोजन हुआ। सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत 1950 ईस्वी में भारत सरकार के द्वारा स्थापित किया गया था। इसके अंतर्गत सामाजिक, आर्थिक, जनसांख्यिकी, औद्योगिक व कृषि सांख्यिकी के विभिन्न पहलुओं को लेते हुए देशव्यापी बहु विषयक एकीकृत तौर पर बड़े पैमाने पर नमूना सर्वेक्षण का कार्य होता है। भारत में सांख्यिकी के जनक, प्रो. पीसी महालनोबिस के जन्मतिथि 29 जून 1893 के उपलक्ष्य मे प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है।
बता दें कि सांख्यिकी एक ऐसा विषय है जिसमें गणितीय विधि से डाटा को इकट्ठा कर इसका विश्लेषण किया जाता है और इसके आधार पर लोक कल्याण एवम विकास का कार्य किया जाता है। पहला राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस 2007 ईस्वी में मनाया गया। उसके बाद प्रत्येक वर्ष सांख्यिकी दिवस के शुभ अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रीय महत्वपूर्ण विषयों पर थीम आधारित होता है। वर्ष 2023 ई. में सांख्यिकी दिवस का विषय है ‘सतत विकास लक्ष्य की निगरानी के लिए राज्य संकेतक ढांचे को राष्ट्रीय संकेतक ढांचे के के साथ सूचित करना’। सांख्यिकी दिवस का मुख्य उद्देश्य सांख्यिकी के जनक को श्रद्धांजलि देना, साथ ही साथ आम लोगों के बीच मे सांख्यिकी के प्रति जागरूकता फैलाना। ताकि सही आंकड़े इकट्ठा किए जा सके और विकास की सही दिशा विकसित की जा सके।
मुख्य अतिथि के रूप में जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज, जमशेदपुर सांख्यिकी विभाग के प्रो. डॉ प्रभात सिंह शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्वजित कर व पीसी महालनोबिस के तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया। इस दौरान वरीय सांख्यिकी अधिकारी अमिता रोज तिरकी, बी.के. गुप्ता, सदानंद बरनवाल और एसई संदीप कुमार ने अपने विचार रखे। इसके बाद मुख्य अतिथि प्रो. डॉ प्रभात सिंह ने सांख्यिकी के विषय पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कार्यालय के वरीय व कनीय सांख्यिकी अधिकारी व अनुबंध कर्मियों ने भाग लिया।