अमन सिंह हत्याकांड में सतीश उर्फ गांधी का सनसनीखेज कबूलनामा : जेलर या अमन में सुंदर ने चुना था अमन को और कर दी हत्या

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फेसबुक मैसेंजर से होती थी बात

मिरर मीडिया : गैंगस्टर अमन सिंह हत्याकांड के नामजद सतीश उर्फ गांधी ने आखिरकार पुलिस रिमांड पर अमन सिंह हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। उसने बताया कि पिता की मौत के बाद गलत संगत में पड़ने के कारण वह अपराध की दुनिया में प्रवेश कर गया। 2012 में कोयला कारोबार को लेकर गोली चलाने के कारण पहली बार जेल गया। करीब चार महीना के बाद जेल से छूटा और अपने घर कुस्तौर में रहने लगा। जहां जिम जाने के दौरान दोस्ती आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह से हो गयी। आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह के साथ मिलकर 2010 में समीर मंडल की गोली मार कर हत्या कर दी, जिसको कुछ माह बाद आशीष रंजन उर्फ छोटू गिरफ्तार होकर जेल चला गया, जबकि वह फरार हो गया। इस दौरान ही उसने कई अन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया। 19 अगस्त 2020 को अपने अन्य साथियों के साथ UCC कंपनी के लोकल मैनेजर सतीश सिंह की बैंकमोड़ में गोली मारकर हत्या कर दी थी। सतीश सिंह को मारने के बाद पुलिस लगातार उसे खोजने लगी तो वो 08 अगस्त 2021 को कोर्ट में सरेंडर कर जेल चला गया। तब से अभी तक धनबाद जेल में बंद है।

जेल में रहने के दौरान अमन से हुई थी दोस्ती

समीर हत्याकांड में जेल में रहने के दौरान आशीष रंजन की दोस्ती जेल में मेयर नीरज सिंह के हत्याकांड में बंद शूटर अमन सिंह से हो गई। जेल से छूटने के बाद आशीष रंजन, अमन सिंह के कहने पर अमन सिंह के लिए शूटर का काम करने लगा व रंगदारी वसूलने लगा। आत्मसमर्पण कर जेल जाने के बाद आशीष ने संपर्क कर अमन सिंह से उसकी जान-पहचान करा दी। इस बीच अमन सिंह का कई बार अलग-अलग जेल में ट्रांसफर भी हुआ पर वह फेसबुक एप के माध्यम से मुझसे एवं जेल में बंद अपने गैंग के अन्य सदस्यों से जुड़ा रहता था तथा यहां का हाल-चाल लेता रहता था। कुछ माह पूर्व ही वह पुनः धनबाद जेल वापस आ गया था। जेल में रहने के दौरान अमन सिंह ने कई लोगों की हत्या करवाकर धनबाद में अपना वर्चस्व बना लिया था और जेल में भी भय का माहौल बना कर रखता था। अमन सिंह अक्सर जेल के पदाधिकारियों, कर्मियों एवं अन्य बंदियों के उपर रौब झाड़ता व उलझ जाया करता था।

सतीश उर्फ गांधी ने कबूल किए बयान में खुलासा किया है कि अमन सिंह महिला वार्ड में बंद अपनी सहयोगी प्रेमिका से अक्सर मिलने जाया करता था, जिस पर जेलर उसे मना करते थे। इस बात को लेकर वह अक्सर जेलर साहब से उलझ जाता था और उनपर अन्य कैदियों की तुलना में अपने लोगों के साथ पक्षपात का आरोप लगाते रहता था। इसी दौरान दिवाली के समय अमन सिंह अपने लड़कों के लिए बाहर से मिठाई मंगवाया था, जिसे जेलर साहब ने जेल के अंदर लाने से रोक दिया था। इस बात को लेकर अमन सिंह काफी नाराज हो गया। जिसके उपरांत अमन सिंह ने हमलोगों से कहा कि चलो चलकर जेलर की पिटाई करते हैं, परंतु वो उसके साथ नहीं गया। अमन सिंह अपने कुछ लड़कों के साथ जेल गेट की तरफ गया और काफी हल्ला-गुल्ला एवं गाली-गलौज किया था। जेल का गेट नहीं खुलने व अन्य किसी कारण से वे लोग थोड़ी देर बाद वापस चले आए। इस घटना के बाद अमन सिंह हमलोगों से नाराज रहने लगा और हमलोग भी अमन सिंह का रवैया देखकर उससे दूर रहने लगे। कहीं अमन के चक्कर में जेल प्रशासन की नजर में न चढ़ जाएं।

सोशल मीडिया के फेसबुक मैसेंजर से होती थी बातचीत

गांधी ने बताया कि सोशल मीडिया के फेसबुक मैसेंजर से उन लोगों के बीच बातचीत होती थी। उसके मोबाइल में कालिया सिंह नाम से फेसबुक प्रोफाइल आईडी था, जबकि आशीष रंजन का फेसबुक प्रोफाइल आईडी अयूब खान नाम से बना हुआ था। इसी आइडी पर अक्सर उसकी बातचीत आशीष रंजन से होती थी। एक दिन उसी से ऑडियो कॉल आया। आशीष ने पूछा कि जेल में कुछ लफड़ा हुआ है क्या? जिसपर गांधी ने अमन सिंह एवं जेलर साहब के बीच हुए झगड़े के बारे में सबकुछ बता दिया। इस घटना के बाद अमन सिंह अक्सर अपने लड़कों के पास बोलता फिरता था कि कुछ दिनों का इंतजार करो, दुमका जेलर पर तो सिर्फ गोली ही चलवाए थे, देखो हम कैसे इस जेलर का गेम बजाते हैं। घटना के लगभग एक सप्ताह पूर्व बातचीत के क्रम में आशीष रंजन द्वारा पूछा गया कि आज या कल सुंदर महतो नाम का कोई लड़का धनबाद जेल गया है क्या? पता करके बताओ। अगर गया है तो उससे बात कराओ। इसके उपरांत मैं और विकास बजरंगी, सुंदर महतो नाम के कैदी को ढूंढने लगे। काफी देर ढूंढने के बाद नया वार्ड नंबर चार में सुंदर महतो नाम के एक कैदी का पता चला, जो मोटर साइकिल चोरी में एक दिन पूर्व ही जेल आया था।

जेलर या अमन तो रितेश ने चुना अमन की मौत

सतीश और विकास बजरंगी ने खोजकर सुंदर को बाथरूम में ले जाकर फोन से आशीष रंजन से उसकी बात करवा दी। फोन पर बातचीत करवाने के बाद उसे सुंदर ने बताया कि अमन सिंह के कहने पर आशीष ने उसे यहां के अन्य लड़कों के साथ कांड करने के लिए भेजा था। कांड करने के लिए चोरी की मोटर साइकिल के साथ एक जगह गये थे, लेकिन पकड़े गये और जेल चले आये। अब आशीष रंजन बोल रहा है कि अमन सिंह बोला है कि जेलर को मार दो, लेकिन उसने यह काम नहीं करने की ठानी है। तो गांधी व बजरंगी ने भी इसके लिए उसे मना किया।

इसके बाद सुंदर महतो थोड़ा परेशान रहने लगा। दूसरे दिन पुनः आशीष रंजन के साथ फोन पर बातचीत के दौरान आशीष बोला कि तुम और विकास बजरंगी मिलकर किसी भी तरह उस लड़के को राजी करो, अमन सिंह घटना करवाने के लिए बहुत दबाव बना रहा है। इसी क्रम में वह बोला कि हथियार जेल पहुंच जाएगा तो थोड़ा मदद कर दो। अमन सामने नहीं आना चाहता है, पूछने पर उसको भी डांट रहा था। घटना के तीन दिन पूर्व आशीष रंजन का ऑडियो फेसबुक मैसेज में आया। उसने बताया कि जेल के गोदाम में जहां सभी लोगों के राशन का सामना रहता है, उसमें से एक झोले में हथियार रखा गया है। गांधी व बजरंगी इसे लाकर सुंदर को दे देना। पहले तो उसकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ, परंतु गोदाम जाकर देखने पर राशन के झोले में रखा दो पिस्टल हमलोगों को मिला। उसी दिन फिर आशीष रंजन का ऑडियो कॉल फेसबुक अकाउंट पर आया और उसने सुदंर महतो से बात करवाने के लिए बोला। तब गांधी और विकास बजरंगी बाथरूम में ले जाकर सुंदर महतो से बात कराई।

बातचीत के दौरान आशीष द्वारा उसे काफी डांटा फटकारा जा रहा था। जेलर पर हमला करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। मैंने इशारा करके उसको मना करने को कहा तो उसने भी आशीष को बोला कि चाहे जो हो जाए प्रशासन के ऊपर गोली नहीं चलाएगा। इसपर आशीष ने बोला कि अगर घटना नहीं करोगे तो अमन सिंह तुम्हारे साथ-साथ तुम्हारे और मेरे परिवार वालों को भी मरवा देगा। सभी लोगों का इसी में भलाई है कि तुम या तो जेलर को मार दो या अमन सिंह को ही मार दो। इसके बाद सुंदर,अमन सिंह को मारने को राजी हो गया।

03 दिसंबर 23 को समय करीब 12 बजे विकास बजरंगी ने खुद के पास छिपाकर रखे गये हथियार को ले जाकर सुंदर को दे दिया। वह हथियार लेकर किचन के रास्ते अस्पताल वार्ड की ओर चला गया। थोड़ी ही देर में गोली चलने की कई आवाज सुनकर सभी कैदी इधर-उधर भागने लगे। वो भी दौड़कर अपने वार्ड में घुस गया। जेल में जोर-जोर से सायरन और सिटी बजने लगी। थोड़ी देर बाद में विकास बजरंगी से मिलने उसके वार्ड में गया तो विकास बजरंगी काफी घबराया हुआ था और बताया कि अमन को गोली मारने वाला लड़का उसके वार्ड के बाथरूम में आकर घुस गया है, उसके पास से दोनों हथियार मैं छीन लिया हूं। तब उसने सलाह दिया कि जल्दी से जाकर इसे जेल के बाहर फेंक दो। परंतु वह काफी घबराया हुआ था। उसने कहा कि वो और विकास बजरंगी दौड़कर वार्ड के पीछे तरफ गए एवं दोनों हथियार को बाउंड्री वॉल के बाहर फेंक दिया था। फिर दौड़कर अपने-अपने बैरक की तरफ जाने लगा। रास्ते में ही अमन सिंह के कुछ लड़के लाठी डंडों से लैस होकर उसकी तरफ दौड़े, जिससे घबराकर वह वार्ड 5 के बाथरूम में घुस गया। वहीं पर अपने फोन को तोड़कर शौचालय सीट के अंदर डाल दिया। बाथरूम के अंदर ही अमन सिंह के कुछ लड़के घुसकर उसके साथ मारपीट करने लगे, जिससे वो गंभीर रूप से चोटिल हो गया। जेलर साहब आकर वहां से निकालकर तीन नंबर वार्ड में बंद कर दिये। करीब आधा घंटा बाद काफी संख्या में पुलिस बल आया और उसे पकड़ कर जेल गेट पर स्थित ऑफिस में ले गए।

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