धनबाद/झरिया। बिहार के कुख्यात गैंगवार के तार मंगलवार को धनबाद के झरिया तक जा पहुँचे, जहां शार्प शूटरों ने प्रेम यादव की दिनदहाड़े हत्या कर दी। सूत्रों के अनुसार सोशल मीडिया पर प्रेम यादव की सक्रियता ही उसके लिए “काल” बन गई। सोशल मीडिया पर की गई एक पोस्ट ने ही उसकी लोकेशन विरोधी गुटों तक पहुंचा दी, जिसके बाद उसकी हत्या की सुपारी दी गई और शूटरों ने झरिया में उसे निशाना बना दिया।
सोशल मीडिया पोस्ट से मिली लोकेशन, विरोधी गुट ने तैयार किए शूटर
सूत्र बताते हैं कि प्रेम यादव कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला था, जिसमें झरिया की तस्वीर नजर आ रही थी और बैकग्राउंड में ‘झरिया’ साफ दिख रहा था। बस यही गलती भारी पड़ गई। विरोधी गुट को उसकी लोकेशन मिलते ही शूटरों को धनबाद भेजा गया और उसे मार गिराने की योजना बना ली गई।
एक महीने से अधिक समय से झरिया में छुपा था प्रेम यादव
प्रेम यादव करीब एक महीने से ज्यादा समय से झरिया में पनाह लिए हुए था। पुलिस को हत्या में प्रयुक्त बाइक तिसरा–बलियापुर रोड किनारे झाड़ी में लावारिस हालत में मिली है। इससे स्पष्ट है कि अपराधियों ने सिर्फ वारदात के लिए बाइक का उपयोग किया और फिर किसी दूसरे वाहन से धनबाद से फरार हो गए।
पिता ने आठ आरोपियों के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर, लगाया सुपारी का आरोप
हत्या की सूचना मिलते ही प्रेम यादव के पिता सुनील राय झरिया पहुंचे और आठ लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई। सभी आरोपी बिहार के छपरा के बताए जा रहे हैं। सुनील राय ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे की हत्या सुपारी देकर कराई गई है।
पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव उन्हें सौंप दिया, जिसके बाद वे अपने संबंधियों के साथ धनबाद से रवाना हो गए।
राजद से जुड़ाव, पिता भी प्रखंड उपाध्यक्ष
सुनील राय के अनुसार प्रेम यादव राजद का युवा नेता था, जबकि वे स्वयं राजद के प्रखंड उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि उनके बेटे पर केवल तीन मामले दर्ज थे, जबकि यूपी मामलों की उन्हें जानकारी नहीं है।
हालांकि धनबाद पुलिस के मुताबिक प्रेम यादव पर बिहार के छपरा में 10 और यूपी में 7 मामले दर्ज थे।
होटल से निकलते ही शूटरों ने घात लगाकर मारी गोली
मंगलवार दोपहर प्रेम यादव झरिया के एक होटल में खाना खाकर बाहर निकला और कतरास मोड़ की ओर पैदल बढ़ा। इसी दौरान बाइक सवार तीन शूटर अचानक उसके पास पहुंचे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने उसके मोबाइल से पहचान की और फिर बिहार पुलिस से संपर्क करने पर पता चला कि प्रेम यादव छपरा के पांडे बंधुओं हत्याकांड का मुख्य आरोपी था और वहीं से भागकर झरिया में छिपा हुआ था।
पुलिस जांच जारी, गैंगवार के कनेक्शन की पड़ताल तेज
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि अपराधियों ने हत्या के बाद किस मार्ग से भागने की रणनीति अपनाई और घटनास्थल तक शूटरों को किसने पहुंचाया। मामले को बिहार के गैंगवार से जोड़कर देखा जा रहा है, जिससे जांच की दिशा और गंभीर हो गई है।

