तिरुपति मंदिर में भगदड़: 6 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल, सीएम नायडू पहुंचेंगे तिरुमला

KK Sagar
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आंध्र प्रदेश के विश्वप्रसिद्ध तिरुमला तिरुपति वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में बुधवार रात भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो गया। इस दर्दनाक घटना में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई, जबकि कई श्रद्धालु घायल हो गए। घायलों का स्थानीय अस्पताल में इलाज जारी है। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर शोक जताते हुए गुरुवार को घायलों से मिलने और घटना की समीक्षा करने के लिए तिरुमला जाने की घोषणा की है।

कैसे हुआ हादसा?

यह भगदड़ मंदिर में शुरू हो रहे वैकुंठ द्वार दर्शनम के टोकन बांटने के दौरान मची। 10 जनवरी से शुरू हो रहे इस खास कार्यक्रम के लिए देशभर से सैकड़ों श्रद्धालु तिरुपति पहुंचे थे। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को टोकन सिस्टम के जरिए प्रवेश दिया जाता है।

मंदिर प्रशासन ने टोकन बांटने के लिए आठ काउंटर बनाए थे। बताया जा रहा है कि एमचीएम स्कूल के काउंटर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु टोकन लेने के लिए पहले से जमा हो गए थे। बुधवार रात जैसे ही गेट खोला गया, श्रद्धालुओं में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। देखते ही देखते भगदड़ मच गई, जिसमें छह श्रद्धालु अपनी जान गंवा बैठे।

प्रशासन की लापरवाही आई सामने

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के प्रमुख बीआर नायडू ने बताया कि एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) ने गेट खोलने का आदेश दिया था, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई। भगदड़ मचने से पहले टोकन बांटने की प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई थी।

श्रद्धालुओं का आक्रोश

घटना के बाद श्रद्धालुओं ने प्रशासन पर अव्यवस्था का आरोप लगाया। उनका कहना है कि सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के उचित इंतजाम नहीं किए गए थे। लोग वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए दो दिन पहले से लाइन में थे, लेकिन व्यवस्था का अभाव हादसे का कारण बना।

सीएम नायडू का दौरा और आगे की कार्रवाई

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। घायलों के इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी। उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी दिए हैं।

विशेष जानकारी

👉वैकुंठ द्वार दर्शनम: 10 जनवरी से 20 जनवरी तक चलेगा।

👉टोकन वितरण: 9 जनवरी से शुरू होना था।

👉लाइनें: 8 जनवरी से श्रद्धालु कतार में लगे थे।

इस हादसे ने तिरुपति मंदिर प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को अब कड़े कदम उठाने होंगे।

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