राज्य के इंस्पेक्टर और SI भी अब डीएसपी के साथ SC/ST से सम्बंधित केस की करेंगे जांच : कर सकेंगे गिरफ्तारी, अभियोजन और अन्वेषण की शक्तियों का प्रयोग

Uday Kumar Pandey
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मिरर मीडिया : झारखंड में SC/ST से सम्बंधित केस की जांच को लेकर किये जाने वाले अनुसन्धान के नियम में संशोधन किया गया है जिसके तहत अब इंस्पेक्टर और एसआई मामले का अनुसंधान कर सकेंगे। इसे लेकर झारखंड सरकार गृहकारा एंव आपदा प्रबंधन विभाग ने अधिसूचना भी जारी की है। जारी किये गए  अधिसूचना के मुताबिक अब अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत दर्ज केसों का इंस्पेक्टर और एसआई अनुसंधान कर सकेंगे। जबकि इससे पहले सिर्फ DSP रैंक के अधिकारियों को यह अधिकार प्राप्त था।

वहीं राज्य के इंस्पेक्टर और एसआई स्तर के पदाधिकारी भी अब डीएसपी के साथ एसटी-एसपी अधिनियम 1989 की धारा 9 की उपधारा 1 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए किसी भी स्पेशल कोर्ट के सामने व्यक्तियों की गिरफ्तारी, अभियोजन और अन्वेषण की शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं।

गौरतलब है कि इस संबंध में संशोधन के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा गया था जिसमें सरकार ने 22 नवंबर 2023 को झारखंड कैबिनेट की बैठक में इंस्पेक्टर और एसआई को एसटी/एससी (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत दर्ज मामले में अनुसंधान का अधिकार देने को लेकर मंजूरी दी थी।

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मैं उदय कुमार पाण्डेय, मिरर मीडिया के न्यूज डेस्क पर कार्यरत हूँ।
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