डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: दाना चक्रवात का असर राज्य की राजनीतिक गतिविधियों पर भी पड़ा। खराब मौसम और कम दृश्यता के कारण शुक्रवार को कई नेताओं के कार्यक्रम धीमी रफ्तार में नजर आए। तूफान के चलते राजनीतिक दलों के उपयोग में आने वाले विमान और हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के राजनीतिक कार्यक्रम भी इस कारण से स्थगित कर दिए गए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों से चक्रवात की स्थिति का जायजा लिया और कहा कि वे पिछले 24 घंटों से इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं और हर घंटे जानकारी ले रहे हैं।
चक्रवात का प्रभाव और एहतियाती कदम
बंगाल की खाड़ी से उठा दाना चक्रवात अब धीमा पड़ गया है। इसके बावजूद पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिलों में एहतियात के तौर पर कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने जनता से दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।
धनबाद सहित अन्य जिलों में मौसम में बदलाव
पश्चिम बंगाल और उड़ीसा पर असर डालने वाले दाना चक्रवात का प्रभाव धनबाद जिले में भी महसूस किया गया। अचानक हुई बारिश और पूरे दिन बादलों की गड़गड़ाहट ने तापमान में गिरावट ला दी है। गुरुवार की बारिश के बाद शुक्रवार को भी फुहारों के बीच ठंड का असर बढ़ गया है।
चक्रवाती तूफान का असर और एहतियाती कदम
दाना चक्रवात का गंभीर असर पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के कई हिस्सों में रहा। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने कई जिलों में शुक्रवार को स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया था। ठंड के बढ़ते प्रभाव के कारण सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा। गुलाबी ठंड की शुरुआत हो चुकी है और बुजुर्ग लोग अब सुबह की सैर पर चादर ओढ़ कर निकल रहे हैं। तापमान में आगामी दिनों में और गिरावट की संभावना है।
सरायकेला-खरसावां जिले में जनजीवन प्रभावित
दाना तूफान का प्रभाव सरायकेला-खरसावां में भी देखा जा रहा है। तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। गुरुवार से ही लगातार तेज हवाओं और बारिश के कारण पेड़ उखड़ गए, और घरों की छतों पर लगे टीन दूर जाकर गिरे। हालात ऐसे हो गए कि तेज हवाओं के कारण रास्तों पर चलना मुश्किल हो रहा था।
ठंड का बढ़ता असर
सरायकेला-खरसावां जिले में तूफान को देखते हुए सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। दो दिनों से हो रही बारिश के कारण ठंड बढ़ गई है, जिससे लोग अपने घरों में ही दुबके रहे। हाट-बाजार में भी सन्नाटा पसरा रहा और बहुत कम व्यापारी शुक्रवार को अपने स्टॉल पर पहुंचे।
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