जमशेदपुर : सिदगोड़ा टाउन हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में समर अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर समर अभियान के सफल संचालन के लिए सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं, स्वास्थ्य विभाग की एएनएम जेएसएलपीएस की सक्रिय महिलाएं, सभी महिला पर्यवेक्षिका व उपस्थित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के लिए एक दिवसीय कार्यशाला भी आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता उप विकास आयुक्त मनीष कुमार द्वारा की गई। उन्होने कहा कि इस 1000 दिवसीय अभियान के अन्तर्गत अति गंभीर कुपोषण से ग्रसित बच्चों, गंभीर एनीमिया से पीड़ित बच्चे, किशोरियों, युवतियां, धात्री माता व गर्भवती महिलाओं की पहचान की जायेगी। इन चिन्हित लोगो को उनके निकटमत आंगनबाड़ी केन्द्रो पर जांच की जायेगी और फिर आखिरकार कुपोषण से ग्रसित बच्चों, गंभीर अनीमिया से पीड़ित बच्चे, किशोरियों, युवतियां, धात्री माता व गर्भवती महिलाओं का उपचार करवाया जायेगा। यह स्क्रीनिंग की प्रक्रिया प्रत्येक तीन माह पर दोहरायी जायेगी।
उप विकास आयुक्त द्वारा अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा व परिवार कल्याण विभाग के पदाधिकारियों को आवश्यक समन्वय के साथ कार्य करने का निदेश दिया गया। ऐसे सभी घर जहां पर कुपोषण व अनीमिया से ग्रसित बच्चों, किशोरियों, युवतियां, धात्री माता व गर्भवती महिलाएं होती है, उन्हें सरकार के विभिन्न विभागों के ऐसे कार्यक्रमों से जोड़ा जायेगा। जिनका कुपोषण निवारण पर प्रत्यक्ष या परोक्ष प्रभाव होता है। जिला को कुपोषण व एनीमिया मुक्त करने की दिशा में कार्य करना है। इसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत बच्चों के वजन माप कराने व कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों को एमटीसी में भर्ती सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया।
कार्यशाला में उपस्थित सदस्यों को जिला को कुपोषण व एनीमिया मुक्त करने के लिए शपथ दिलाई गयी। मास्टर ट्रेनर्स विजय वर्मा व शमिता मण्डल, झारखंड राज्य पोषण मिशन द्वारा उपस्थित सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं, स्वास्थ्य विभाग की एएनएम, जेएसएलपीएस की सक्रिय महिलाएं, सभी महिला पर्यवेक्षिका व उपस्थित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को समर अभियान के संबंध में संपूर्ण विवरणी व प्रशिक्षण दिया गया।