ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुरू : एएसआई की टीम दोपहर 12 बजे तक करेगी सर्वे

Uday Kumar Pandey
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मिरर मीडिया : ज्ञानवापी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सर्वे के पक्ष में अपना फैसला सुनाये जाने के बाद ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुक्रवार की सुबह 7 बजे से शुरू हो गया है। इसको लेकर वाराणसी प्रशासन ने पक्षकारों और अधिवक्ताओं को पत्र भेजकर पहले से जानकारी दे दी थी।

बता दें कि कोर्ट ने सर्वे पर लगी रोक को हटाते हुए जिला जज वाराणसी के 21 जुलाई 2023 के आदेश को बहाल कर दिया। इस दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों को आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि पुरातत्व विभाग एवं एएसजीआई की ओर से साफ कहा गया है कि सर्वे के वक्त निर्माण को किसी तरह की कोई क्षति नहीं पहुंचेगी।

इससे संबंधित एक हलफनामा भी दाखिल किया गया है। इस बीच सर्वे की इजाजत देने के फैसले को चुनौती देते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ इस पर सुनवाई करेगी।

वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसपर सुनवाई भी आज ही होगी। हिंदू पक्ष के दावों को लेकर यह ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराया जा रहा है। ASI की टीम ने ज्ञानवापी परिसर में आज सुबह सात बजे से सर्वे का काम शुरू कर दिया है।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद ASI ने सर्वे शुरू कर दिया है। एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर के पश्चिमी दीवार से सर्वे शुरू किया है। इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने तहखाने की चाबी देने से इनकार कर दिया है। आज तहखाने से शुरू होने वाला था सर्वे।

हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ताओं और उनके अधिवक्ताओं के साथ एएसआई की 30 सदस्यों की एक टीम सर्वेक्षण के लिए मस्जिद परिसर में प्रवेश कर चुकी है। सर्वे दोपहर 12 बजे तक आयोजित किया जाएगा।

आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से वैज्ञानिक सर्वे कराने के वाराणसी जिला जज के फैसले को कायम रखा है। अदालत ने कहा कि ​जिला जज का सर्वेक्षण कराने का आदेश विधि द्वारा सम्मत है। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, परिसर का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वे करवाना उचित है। इसमें किसी तरह का दखल देना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि एएसआई का प्रस्तावित सर्वे न्याय हित में जरूरी है।

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मैं उदय कुमार पाण्डेय, मिरर मीडिया के न्यूज डेस्क पर कार्यरत हूँ।
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