भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि धनबाद के सरकारी जमीन पर : सरकारी बोर्ड लगा फिर भी हथियाने को आतुर
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मिरर मीडिया : धनबाद में भूमाफियाओं का वर्चस्व इस तरह दबंगई रूप में इस कदर देखा जा सकता है कि गैराबाद जमीन को भी नहीं बक्श रहें है। आलम ये है कि कोयलांचल धनबाद में गैराबाद जमीन को रैयत बनाकर लूटने का खेल बड़े ही चालाकी से खेला जा रहा है। आश्चर्य की बात तो ये है कि सरकारी जमीन का बोर्ड लगे होने के बावजूद उस भूभाग को भूमाफियाओं द्वारा कब्ज़ा किया जा रहा है।

बता दें कि जमीन का यह खेल गोविन्दपुर अंचल में ज्यादा देखने को मिल रहा है और यह अंचल सबसे ज्यादा बदनाम भी है। भूमाफियाओं का मनोबल इस कदर बढ़ा हुआ है कि सरकारी जमीन का बोर्ड लगे भूभाग पर भी JCB और ट्रैक्टर से मिट्टी भराई कर उसे हथियाने को आतुर हैं। जमीन का खेल कुछ इस तरह का है कि अब पंचायती राज से जुड़े प्रतिनिधि एक दुसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा कर निशाना साध राजनीतिक रोटी सेकने की कोशिश में हैं और जिम्मेदार कुम्भकर्णी निंद्रा में हैं।
रिपोर्ट के अनुसार पहला मामला गोविन्दपुर अंचल के बड़ा पिछड़ी पंचायत से जुड़ा हुआ है जहां पर सैकड़ों एकड़ जमीन गैरावाद सरकारी खाते की है। यहां पिछले दिनों एक जिला परिषद सदस्य द्वारा गोविन्दपुर अंचल कार्यालय में आवेदन देकर उनके क्षेत्र संख्या 14 में हो रही सरकारी जमीन की लूट रोकने के लिए गुजारिश की गई। उसमे बीसीसीएल से अवकाश प्राप्त डॉ कृष्णा सिंह द्वारा मौजा संख्या 85 में लगभग 6 एकड़ जमीन, गुही धोबा अवकाश प्राप्त बीसीसीएल कर्मी खाता संख्या 97, प्लॉट संख्या 790 जिसका नया मौजा संख्या 85, खाता संख्या 183, प्लॉट संख्या1826, कुल रकवा 1 एकड़, 11 डिसमिल जो कि सरकारी गैराबाद है उसे फर्जी कागजात के सहारे रैयत बना कब्जा करने का आरोप नवलेश शर्मा, डॉ श्रीकृष्णा सिंह एवं पूर्व जीप सदस्य स्व दुर्योधन चौधरी के बेटे झामुमो नेता मुरारी चौधरी पर लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई है।
जीलापरिषद् सदस्य पति के द्वारा स्थानीय मीडिया में की गई बयानबाजी से नाराज हो मुरारी चौधरी एवं स्थानीय मुखिया ने जीप सदस्य पति दिलीप चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए जिला परिषद के वर्तमान प्रतिनिधि दिलीप पर ही 22 डिसमिल सरकारी जमीन का अवैध एवं फर्जी कागजात बनाकर अपने पिता के नाम पर रजिस्ट्री करवा कर उक्त जगह पर कोयला का अवैध कारोबार करने का आरोप लगाया है।
वही जिप सदस्य प्रतिनिधि दिलीप सिंह ने कहा कि हमारे निर्वाचन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन को फर्जी कागजात बनाकर घेराबंदी दबंगों द्वारा की जा रही है जिसको लेकर जिप सदस्य एवं उनकी पत्नी स्वाति सिंह ने स्थानीय अंचल कार्यालय में आवेदन देकर कार्यवाही की मांग की थी लेकिन अब तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है और जो भू-माफिया है वह उन पर गलत आरोप लगा रहे हैं उनके द्वारा कोई कोयले का अवैध कारोबार नहीं किया जाता है उन्होंने कहा कि हम किसान के बेटे हैं खेती करके पेट पाल लेते हैं।
वहीं दूसरा मामला भी गोबिंदपुर अंचल के तिलाबानी गांव का है। जहां अंचल गोविंदपुर, मौजा नंबर 162, नया खाता संख्या 172, प्लॉट नंबर 2275, 2277, 2304, 2309 और 2320 कुल रकबा 6.32 एकड़ सरकारी जमीन के ऊपर स्थानीय उद्योगपति सह ग्रामीण भाजपा के जिला स्तरीय पदाधिकारी के सह पर उनके लोगों के द्वारा कब्जा के प्रयास का 7 माह पूर्व ग्रामीणों ने विरोध कर सीओ की मौजूदगी में सरकारी भूमि का बोर्ड लगवाया था। लेकिन एक बार फिर से उस जमीन पर मिट्टी की भराई उक्त उद्योगपति के कर्मियों के द्वारा कराई जा रही थी।स्थानीय ग्रामीणों ने एक बार फिर से विरोध किया है।
वही पूरे मामले में जब अंचलाधिकारी रामजी वर्मा ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है जिसको लेकर उन्होंने हल्का कर्मचारी को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। जो लोग जमीन के लूट में शामिल होंगे उन पर नियमानुसार कार्यवाई की जाएगी।
बहराहल जिस तरह से अब सरकारी जमीनों की लूटने की होड़ मची है ऐसे में अंचलाधिकारी समेत जो अन्य जिले के जिम्मेदार अफसरान हैं वो अगर आंखे बंद कर सरकारी जमीनों को लूटवाते रहेंगे तो विकास के कार्यों को मूर्त रूप देने हेतू इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए पंचायतों में जमीन मिल पाना मुश्किल हो जाएगा और तमाम जनप्रतिनिधि और राजनैतिक दलों से जुड़े नेता एक दूसरे को नीचा दिखा अपना उल्लू सीधा करते रहेंगे और नुकसान आम जनमानस का ही होगा।