डिजिटल डेस्क/ कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने बंगाल में एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के साथ गठबंधन करने की घोषणा की है। मीडिया से बातचीत में हुमायूं कबीर ने दावा किया कि उनकी इस विषय पर ओवैसी से बात हो चुकी है और ओवैसी भी गठबंधन के लिए इच्छुक हैं, जिसके लिए उन्होंने हुमायूं को हैदराबाद आने के लिए कहा है। हुमायूं कबीर ने घोषणा की है कि उनकी नई पार्टी का गठन 22 दिसंबर को किया जाएगा, और इसी दिन मुर्शिदाबाद में एक सम्मेलन भी आयोजित होगा।
हुमायूं सिर्फ एआइएमआइएम तक सीमित नहीं रहना चाहते, वह राज्य में नौशाद सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) और वाममोर्चा को भी अपने गठबंधन में लाने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें कांग्रेस से भी कोई आपत्ति नहीं है। उनके अनुसार, इन सभी दलों का एक ही साझा लक्ष्य है: बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता में आने से रोकना और विधानसभा में अधिक से अधिक सीटें जीतना। हुमायूं ने यह भी कहा कि वह विधायक पद से इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उनके निर्वाचन क्षेत्र भरतपुर की जनता ने उन्हें ऐसा करने से मना किया है।
राजनीतिक घोषणाओं के अलावा, हुमायूं कबीर ने फरवरी में मुर्शिदाबाद में एक लाख लोगों द्वारा एक साथ कुरान पाठ का आयोजन करने का भी ऐलान किया है, जिसमें सभी के लिए खान-पान की व्यवस्था होगी। उन्होंने इस आयोजन को भाजपा द्वारा बंगाल पर ‘कब्जा करने’ के लिए आयोजित किए जा रहे गीता पाठ के जवाब के रूप में देखा।
इसके अलावा हुमायूं ने मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में प्रस्तावित बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए लगभग 300 करोड़ की लागत का भी खुलासा किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस परियोजना के लिए वह सरकार से एक पैसा भी नहीं लेंगे ताकि इसकी ‘पवित्रता’ बनी रहे। पूरी राशि अल्पसंख्यकों द्वारा दान की जाएगी, जिसमें एक व्यक्ति 80 करोड़ रुपये दान कर रहा है। हुमायूं के पास 25 बीघा जमीन है, जिसमें से तीन कट्ठे पर मस्जिद की आधारशिला रखी गई है। शेष 25 बीघा जमीन पर एक इस्लामिक अस्पताल, विश्वविद्यालय, हेलीपैड और एक यात्री लाउंज भी बनाया जाएगा। रविवार को, प्रस्तावित मस्जिद के निर्माण में योगदान देने के लिए कई लोग ईंट, सीमेंट, सरिया आदि लेकर बेलडांगा पहुंचे थे।

