जमशेदपुर : सोनारी स्थित दोमुहानी घाट में स्वर्णरेखा आरती की रूपरेखा तैयार करने को लेकर मंत्री बन्ना गुप्ता ने देर शाम स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने उपायुक्त विजया जाधव के साथ देश के अन्य शहरों जैसे बनारस, हरिद्वार आदि में आयोजित होने वाली गंगा आरती की तर्ज पर स्वर्णरेखा आरती को लेकर क्या आधारभूत संरचना निर्माण की आवश्यकता होगी, इस पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए तथा घाट के सौंदर्यीकरण, पौधारोपण आदि को लेकर भी जरूरी दिशा निर्देश दिए। मौके पर एडीएम लॉ एंड ऑर्डर नन्दकिशोर लाल, एसडीएम धालभूम पीयूष सिन्हा, एसओ जेएनएसी संजय कुमार, जुस्को से कैप्टन धनंजय मिश्रा तथा अन्य मौजूद रहे।
मंत्री ने कहा कि स्वर्णरेखा नदी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। स्वर्णरेखा आरती का उद्देश्य हमारे प्राकृतिक स्रोतों के संरक्षण के प्रति जनजागरूकता लाना है। झारखंड राज्य जल, जंगल जमीन पर आधारित है, हमारी संस्कृति, पर्व त्यौहार, धर्म सबकुछ यही है। मंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्राकृतिक स्रोतों का संवर्धन, संरक्षण जरूरी है, दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग से बचना है तो झारखंडी रीति-नीति को समझना होगा। इस आरती के माध्यम से और लोगों को जल जंगल जमीन से जोड़ेंगे। उन्होने कहा कि जब हमारा जल नहीं बचेगा तो जीवन खत्म हो जाएगा।
निरीक्षण के दौरान स्वर्णरेखा आरती घाट में पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बैठने के लिए समुचित व्यवस्था, आरती घाट के साथ विभिन्न इलाकों में विधुत व्यवस्था, रेलिंग के माध्यम से डेंजर जोन का सीमांकन, नदी के संरक्षण हेतु इको फ्रेंडली जोन, पूजा कीर्तन के लिए जगह की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था, आरती के लिए विशेष मंडप, तटीय क्षेत्र में वृक्षारोपण समेत विभिन्न सुरक्षात्मक पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही नदी में विसर्जित की जाने वाली सामग्री इकट्ठा करने के लिए बैरिकेंडिग कराने के सुझाव दिए।
उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि मंत्री द्वारा विधायक फंड से 50 लाख रूपए देने की अनुशंसा की गई है, जिसका उपयोग स्वर्णरेखा आरती के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना निर्माण तथा सौंदर्यीकरण के लिए की जाएगी। उन्होने 14 नवंबर को दोमुहानी में ही स्थानीय स्तर पर आयोजित हो रहे महाआरती को लेकर बताया कि साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। लाईटिंग की व्यवस्था रहेगी। इस क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं हो इसका भी ध्यान रखा जाएगा। वहीं आगे स्वर्णरेखा आरती को लेकर जो चीजें शासन-प्रशासन के स्तर पर निर्धारित होंगी उसे धरातल पर उतारा जाएगा।