डिजिटल डेस्क / कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस के विधायक मानिक भट्टाचार्य तथा बोर्ड की पूर्व सचिव रत्ना दास चक्रवर्ती बागची के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अभियोजन की मंजूरी दे दी है।
राजभवन सूत्रों के अनुसार यह मंजूरी केंद्रीय जांच ब्यूरो की औपचारिक अर्जी और उसके द्वारा कोर्ट में पेश अंतिम जांच रिपोर्ट के आधार पर दी गई है। CBI ने दोनों पूर्व अधिकारियों पर गंभीर अनियमितताओं, रिश्वतखोरी और योग्य अभ्यर्थियों को जानबूझकर बाहर करने के आरोप लगाए हैं।
मानिक भट्टाचार्य पहले से ही इस मामले में जेल में हैं, जबकि रत्ना दास चक्रवर्ती बागची भी जांच के दायरे में थीं। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद अब CBI इन दोनों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर सकती है।
राजभवन का कहना है कि संवैधानिक प्रावधानों के तहत राज्यपाल ने सभी दस्तावेजों और सबूतों की गहन समीक्षा के बाद यह फैसला लिया। इस मंजूरी से शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच में तेजी आने की उम्मीद है।

