नहीं रुक रही है जिले के निजी स्कूलों की मनमानी : अब तय मानक से ज्यादा छात्रों के साथ कर रहें हैं कक्षा का संचालन : एक सेक्शन में अधिक छात्र बैठने को मजबूर

mirrormedia
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मिरर मीडिया : निजी विद्यालयों की मनमानी अपने चरम पर है। नियम कानून और आदेश को ताक पर रखते हुए विद्यालय का संचालन ऐसे किया जा रहा है जैसे सारे नियम इनकी जेब में हो। बता दें कि शिक्षण शुल्क सहित अन्य शुल्क में बढ़ोतरी के लगातर हो रहे विरोध के बीच अब एक नया मामला सामने उजागर हुआ है जिसमें निजी विधालय द्वारा प्रत्येक कक्षाओं के सेक्शन में नियम के विरुद्ध छात्रो की संख्या में लगातार वृद्धि कर मोटी कमाई की जा रही है।

अब यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि निजी विद्यालय पूर्णत: व्यवसायीकरण हो गया हैं। और मनमौजी भी।

यहां बता दे कि सीबीएसई द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार एक सेक्शन में अधिकतम 40 छात्रों के साथ कक्षा का संचालन किया जा सकता है और एक सेक्शन पर 1.5 शिक्षक की अनिवार्यता है वहीं सेक्शन की संख्या का निर्धारण सीबीएसई प्रावधनों के तहत ही किया जा सकता है तथा इसके लिये सीबीएसई से अनुमति लेना अनिवार्य है। जबकि अधिकांश निजी विद्यालय द्वारा प्रावधानों के विरुद्ध सेक्शन की वृद्धि कर दी गई है तथा एक-एक सेक्शन में 50 से 55 छात्र बैठने को विवश हैं। जबकि ICSE का भी वही प्रावधान है।

जानकारी के अनुसार आधिकांश निजी विद्यालयों में सात से आठ सेक्शन संचालित हो रहे हैं। निजी विद्यालयों को सेक्शन की संख्या बढ़ाने हेतु बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ती है अगर एक विद्यालय का कैंपस 2 एकड़ में है तो उन्हें केवल तीन सेक्शन की अनुमति मिलती है उसी तरह से सेक्शन की संख्या विद्यालय कैंपस के क्षेत्रफल के अनुसार बढ़ाया जा सकता है।

निजी विद्यालय राइट टू एजुकेशन एक्ट के नियमों का भी कहीं न कही अनदेखी कर रहा है जिले के अधिकांश स्कूलों की अगर सही तरीके से जांच की जाए तो सेक्शन में नियम के विरुद्ध छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी की सत्यता मिलेगी।


जानकारी के अनुसार जिले के अधिकांश विद्यालय में नियम विरुद्ध कार्य हो रहे हैं विभाग और सीबीएसई बोर्ड को सभी विद्यालयों की औचक जांच कर अभिभावकों की जेब ढीली करने वाले स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई करने की जरूरत है क्योंकि नियम विरुद्ध छात्रों की संख्या बढ़ने से बैठने में समस्या और पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

इस संबंध में जिले के वरीय अधिकारियों से भी वार्ता कर वस्तु स्थिति से अवगत कराने का कार्य किया जाएगा उसके बाद किस प्रकार से स्कूलों में जांच होकर करवाई होती है  यह देखने वाली बात होगी ब्यूरो रिपोर्ट मिरर मीडिया धनबाद।

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