डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर: उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने आज धालभूमगढ़ प्रखंड के रावताड़ा पंचायत स्थित बाबईदा गांव का औचक दौरा किया। इस दौरान उन्होंने गांव में बुनियादी सुविधाओं, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और उनकी जमीनी हकीकत का बारीकी से जायजा लिया। विशेष रूप से खड़िया जनजाति बहुल इस गांव में उपायुक्त ने ग्रामीणों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को समझा।

स्कूल, आंगनबाड़ी और आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निरीक्षण
उपायुक्त ने प्राथमिक विद्यालय बाबईदा का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कक्षा संचालन, छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन वितरण और शिक्षण सामग्री की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। बच्चों से बातचीत कर उन्होंने उनकी पढ़ाई का स्तर भी परखा। नवनिर्मित विद्यालय भवन में बिजली कनेक्शन लंबित पाए जाने पर उन्होंने संबंधित विभाग को दो दिनों के भीतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ ही, प्रधानाध्यापक को परिसर की साफ-सफाई और शौचालयों के नियमित उपयोग का निर्देश भी दिया गया।

बाबईदा में आंगनबाड़ी केंद्र अस्थायी रूप से संचालित हो रहा है। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने बच्चों को दिए जा रहे पौष्टिक आहार, टीकाकरण की स्थिति और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने धालभूमगढ़ के सीओ को निर्देश दिया कि स्थायी भवन निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान कर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपी जाए, ताकि निर्माण प्रक्रिया शुरू हो सके। पोषण ट्रैकिंग, बच्चों की नियमित उपस्थिति और सहायिकाओं और सेविकाओं के कार्यों की भी समीक्षा की गई।
इसके अलावा उपायुक्त ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने दवाओं की उपलब्धता, चिकित्सा कर्मियों की उपस्थिति, स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था, रजिस्टर के रखरखाव और लाभार्थियों की संख्या की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिया कि आवश्यक दवाओं का स्टॉक नियमित रूप से अपडेट किया जाए ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में कोई बाधा न आए।
सरकारी योजनाओं की समीक्षा और ग्रामीणों से संवाद
उपायुक्त ने ग्रामीणों से सरकार की विभिन्न योजनाओं से मिल रहे लाभ की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने मनरेगा, पीएम आवास योजना, मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना और अन्य पेंशन योजनाओं के लाभार्थियों की स्थिति की समीक्षा की। इसके अलावा, पेयजल, सड़क, पशुपालन, कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति पर भी चर्चा की गई। ग्रामीणों द्वारा बताई गई व्यक्तिगत और सामुदायिक समस्याओं पर उपायुक्त ने तुरंत संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं की अधिकतम पहुंच सुनिश्चित करें, ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक भी इन योजनाओं का लाभ पहुंच सके।