मिरर मीडिया : एक तरफ जल स्रोतों को बचाने के लिए सरकार की अमृत सरोवर योजना को धरातल पर नए रूप दिए जा रहे हैं जिसके तहत अलग-अलग क्षेत्रों में लबों का सृजन कर जल स्रोतों को बचाने की मुहिम चली जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ शहर की हालत इससे कुछ इतर है शहर के अधिकांश क्षेत्रों में तालाबों पर अतिक्रमण किया जा चुका है बावजूद जिला प्रशासन की नजर इन ओर अभी नहीं गईं है। बात करें तो जैसी मलिक रोड के फटिक बाबू तलाब और खोखन तलाक की, फटिक बाबू तलाब पूरी तरह से अतिक्रमण की चपेट में है और इसके चारों और बाउंड्री कर दिया गया है अधिकांश भागों में मिट्टी की भराई की जा चुकी है जबकि खोखन तालाब के इर्द-गिर्द भी अतिक्रमण हो चुका है उसी से सटे बहुमंजिला इमारतों के निर्माण भी हो रहे हैं।
तालाबों का हो रहे अतिक्रमण मामले के सवाल पर धनबाद उपायुक्त ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में जल स्रोतों को बचाने के लिए अमृत सरोवर योजना को धरातल पर उतारा जा रहा है शहरी क्षेत्र में भी तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए निगम को निर्देश दिए गए हैं साथ ही संबंधित अधिकारियों को तालाबों पर हो रखे अतिक्रमण हटाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि शहर में कई ऐसे तालाब है जिसका अतिक्रमण कर लिया गया है, धनबाद उपायुक्त ने इस से पहले भी अंचल अधिकारियों से तालाबों की सूची उपलब्ध कराने एवम हो रहे अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए थे पर अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाई नहीं हो पाई
डीएस कॉलोनी, मनईटांड सहित शहर के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां तालाब के अधिकांश भाग में अतिक्रमण हो चुका है ऐसे में जल स्रोतों को बचाने के लिए जिला प्रशासन को मुहिम चलाते हुए तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने की जरूरत है।