मिरर मीडिया : पूरे दमखम के साथ 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी से प्रतिबन्ध कर दिया गया है पर धरातल पर इसका नज़ारा कुछ और ही देखने को मिल रहा है। बता दें कि धनबाद में खुलेआम प्लास्टिक की बिक्री हो रही है जबकि कई दुकानदार भी अब तो खुले तौर पर ग्राहकों को सामान देने के लिए प्लास्टिक के थैले का उपयोग कर रहें हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबन्ध है और यह जीव जंतु, मानव कहें तो पूरे पर्यावरण के लिए बेहद ही हानिकारक साबित हो रहा है।
सरकार के तरफ से प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध तो लगा दिया गया वहीं नगर निगम ने भी एक सप्ताह तक अभियान चलाकर इसके ख़िलाफ अपनी हाजरी लगा दी इस बाबत कुछ प्लास्टिक जब्त किया तो कुछ हजार का जुर्माना भी लगाया। पर ये कहावत सटीक बैठी है कि आसमान से टपके और खजूर पर अटके। सभी पदाधिकारी मौन हो गए जैसे ये 5 दिवसीय अभियान चलाया गया हो।
हालांकि इसके कुछ जिम्मेवार आमजनता भी है जिनमें सजगता की कमी देखी गई है। बाजार करने आए पर घर से थैली लाना भूल जाते हैं और फ़िर मजबूरन दुकानदार प्लास्टिक का थैला थमा देता है। इसके इतर सिंगल यूज प्लास्टिक का कोई विकल्प भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। जिसके वज़ह से कई सारे ब्रांडेड वस्तुएँ आज भी सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कर रही है जो कोई भी दुकान में आसानी से देखा जा सकता है।

19 तरह के सिंगल यूज प्लास्टिक आयटम पर बैन लगाने के बावजूद शहरभर में धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। लिहाजा नगर निगम के पांचों अंचल धनबाद, सिंदरी, कतरास, झरिया और छाताटांड़ से हर दिन 400 टन घरेलू कचरा निकलता है। इसमें 23 टन प्लास्टिक होता है। इतना ही नहीं इसके निस्तारण की कोई व्यवस्था नगर निगम के पास नहीं है। प्रतिबंधित प्लास्टिक के अनुसार प्लास्टिक की छड़ियों के साथ कान की कलियां, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ें, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की छडे़ं, सजावट के लिए पालीस्टायरीन (थर्माकोल), भोजन परोसने की प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, 100 माइक्रोन से कम मोटाई का पीवीसी बैनर शामिल है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के अनुसार रिसाइकिल प्लास्टिक से बने कैरी बैग की मोटाई 75 माइक्रोन से कम नहीं होनी चाहिए। 31 दिसंबर 2022 से 120 माइक्रोन मोटाई के कैरी बैग प्रतिबंधित हो जाएंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है। पर्यावरण संरक्षण के नियमों के तहत प्लास्टिक के उत्पादन, भंडारण, वितरण, प्रयोग एवं बिक्री पर रोक लगी हुई है। ऐसा करने वालों पर पांच हजार से लेकर एक लाख तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। लगातार नियमों का उल्लंघन करने पर एक लाख का जुर्माना और पांच वर्ष तक की सजा का भी प्रावधान है। यह दोनों भी किया जा सकता है। पर इसका ना तो किसी में डर देखा गया है ना प्रशासन की तरफ से कड़े नियम बनाए गए हैं। जरुरत है समय समय पर छापेमारी और जागरूकता की।