नौकरशाही में होगा बड़ा सुधार : ई-ऑफिस 7.0 वर्जन शुरू : 10-12 राउंड घूमने वाली सरकारी फ़ाइल अब 4 बार से ज्यादा नहीं घूमेगी

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सरकार ने इस महीने ई-ऑफिस 7.0 वर्जन शुरू किया

कुल 58 मंत्रालयों और विभागों ने फाइलों को चार स्तरों पर लाने के लिए “सबमिशन के चैनल” की समीक्षा की

एक श्रेणी के किसी अधिकारी को उसी श्रेणी के किसी अन्य अधिकारी को फाइल जमा करने की नहीं होनी चाहिए जरूरत

मिरर मीडिया : देश में नौकरशाही में बड़ा सुधार करने को लेकर केंद्र सरकार बड़ा पहल करने जा रही है। लिहाजा आम नागरिकों को इससे बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। आपको बता दें कि अगले महीने से केंद्र सरकार की कोई भी फाइल फैसले से पहले चार हाथ से ज्यादा हाथों से नहीं गुजरेगी और मंत्रालय भी एक-दूसरे को ई-फाइलें जमा कर सकेंगे। जानकारों कि माने तो इस फैसले से एक-दूसरे की राय लेने में तेजी आएगी और सरकारी कार्यालयों के एक्सिक्यूटिव-केंद्रित और बिजनेस ओरिएंटेड कार्यात्मक बदलाव में संगठन को समतल करने और हाई लेवल तक फाइलों को आगे बढ़ाने के बजाय प्रतिनिधिमंडल को सौंपने का काम किया जाएगा।

सूत्रों कि माने तो कुल 58 मंत्रालयों और विभागों ने फाइलों को चार स्तरों पर लाने के लिए “सबमिशन के चैनल” की समीक्षा की गई है और बाकी मंत्रालय उस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और अगले महीने तक ऐसा करने की उम्मीद है। गौरतलब है कि इससे पहले, केंद्र की मोदी सरकार ने 2015 में ही नीतिगत निर्णयों में गति लाने के लिए सबमिशन स्तरों के चैनल को कम करने के लिए एक अभियान शुरू किया था जिसमें 10-12 राउंड घूमने वाली सरकारी फाइलें को 6-7 स्तर तक ले आया गया था। इसे हासिल करने के लिए करीब छह सालों वरिष्ठ स्तर पर 300 से ज्यादा बैठकें की जा चुकी है। इसके अलावा, सरकार ने इस महीने ई-ऑफिस 7.0 वर्जन शुरू किया है, जिससे पहली बार फाइलों को एक से दूसरे मंत्रालय भेजे जाने की अनुमति दी गई है – इसलिए सभी मंत्रालय अब अपने प्रस्ताव ऑनलाइन जमा कर सकते हैं।

अब तक मंत्रालयों के पास अंतर-मंत्रालय के काम के लिए ई-ऑफिस की सुविधा थी। नया वर्जन आ जाने के बाद अब सभी 84 मंत्रालयों और विभागों के नवंबर में ई-ऑफिस 7.0 संस्करण में बदलने की उम्मीद है। अभी भी 32,000 से अधिक ई-फाइलें अब प्रतिदिन बनाई जा रही हैं और भारत में वर्तमान में लगभग 25 लाख ई-फाइलें हैं। नौकरशाही में हमेशा ज्यादा लोगों को एक ही स्तर पर लाने के लिए फ़ाइल को ऊपर भेजने की प्रवृत्ति रही है। इसके चलते फैसले लेने में देरी होती है।

फाइलों की पेचीदा और ज्यादा टेबल से गुजरने की इस परंपरा को कम कर के सुलभ,सुगम बनाकर त्वरित कार्य निष्पादन हेतु ये काफ़ी अहम् एयर महत्वपूर्ण निर्णय है। इसके अनुसार सबमिशन के चैनल के लिए जो चार स्तर पर पहचाने गए हैं उनमें सचिव, अतिरिक्त सचिव या संयुक्त सचिव, निदेशक या उप सचिव या अवर सचिव और अन्य सभी स्तर शामिल हैं। विचार यह है कि एक श्रेणी के किसी अधिकारी को उसी श्रेणी के किसी अन्य अधिकारी को फाइल जमा करने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। संयुक्त सचिवों और अतिरिक्त सचिवों और निदेशक, उप सचिव और अवर सचिव के बीच फाइल जमा करने की जरूरत को खत्म करने के लिए सभी मंत्रालय अब जरूरी बदलावों के साथ इस पद्धति को अपना रहे हैं।

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