Bihar:बिहार में डोमिसाइल का लाभ लेने के लिए निवास प्रमाण पत्र काफी नहीं, ये दो सर्टिफिकेट नहीं तो नहीं मिलेगा लाभ

Neelam
By Neelam
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बिहार सरकार ने हाल ही में डोमिसाइल नीति लागू कर दी है। इसका मतलब ये है कि अब बिहार के छात्रों को शिक्षक बहाली में आरक्षण का फायदा मिलेगा। खासकर उन छात्रों को, जिन्होंने बिहार के स्कूल या कॉलेज से पढ़ाई की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार, 5 अगस्त को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। इस साल होनेवाली चौथे चरण की बीपीएससी शिक्षक बहाली में डोमिसाइल लागू हो जाएगा। हालांकि, बिहार के अभ्यर्थियों को इसका लाभ उठाने के लिए आवेदन के समय आवश्यक दस्तावेज जमा कराने होंगे।

बिहार मंत्रिमंडल ने मंगलवार को शिक्षकों की भर्ती में डोमिसाइल नीति लागू करने को मंजूरी दे दी। इससे राज्य के मूल निवासियों के लिए लगभग 85 प्रतिशत पद आरक्षित हो जाएंगे। राज्य के निवासियों के लिए पहले से ही 50 प्रतिशत से अधिक सीट आरक्षित हैं क्योंकि अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लगभग 50 प्रतिशत है, जबकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षित है। 35 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं और सरकार पहले ही यह निर्णय ले चुकी है कि उस आरक्षण में केवल राज्य के निवासियों को ही जगह दी जाएगी। शेष सीट में से 40 प्रतिशत अब बिहार के मूल निवासियों के लिए आरक्षित होंगी, जिन्होंने अपनी 10वीं और 12वीं कक्षा राज्य में ही पूरी की है। इस प्रकार मूल निवासियों के लिए आरक्षण (डोमिसाइल) प्रभावी रूप से 85 प्रतिशत से अधिक होगा।

सिर्फ निवास प्रमाण पत्र से नहीं मिलेगा लाभ

बता दें कि, डोमिसाइल नीति का यह नया प्रावधान इस साल होने वाली बीपीएससी शिक्षक बहाली (TRE-4) में ही लागू कर दिया जाएगा। हालांकि, इसका लाभ उठाने के लिए उम्मीदवारों को निवास प्रमाण पत्र नहीं, बल्कि 10वीं या 12वीं की पढ़ाई बिहार में करने का प्रमाण प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। डोमिसाइल प्रमाण के रूप में बिहार में की गई मैट्रिक या इंटर की पढ़ाई की मार्कशीट या सर्टिफिकेट मान्य होंगे।

बिहार के स्कूल से मैट्रिक या इंटर की हो डिग्री

कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने मीडिया से बातचीत में बिहार शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन छात्र-छात्राओं ने बिहार में रहकर मैट्रिक या इंटर की पढ़ाई की है, उन्हें ही डोमिसाइल नीति का लाभ मिलेगा। इसका सत्यापन डोमिसाइल सर्टिफिकेट से नहीं बल्कि 10वीं या 12वीं की मार्कशीट अथवा सर्टिफिकेट से किया जाएगा। यानी कि जिन अभ्यर्थियों की 10वीं या 12वीं की परीक्षा बिहार बोर्ड या राज्य के ही किसी सीबीएसई जैसे अन्य बोर्ड के स्कूल में रहकर दी है, तो ही उन्हें शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल का लाभ मिल पाएगा। अगर किसी अभ्यर्थी के पास बिहार का निवास प्रमाण पत्र है, लेकिन उसके मैट्रिक और इंटर पास का सर्टिफिकेट बिहार सेबाहर का है, तो उसे डोमिसाइल का लाभ नहीं मिल पाएगा।

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