ज़िला प्रशासन हस्तशिल्पियों के हरसंभव मदद के लिए है तैयार-उपायुक्त
प्रखण्ड स्तर पर हस्तशिल्पियों का डेटाबेस बना कर बनाया जाएगा क्लस्टर- उपायुक्त
जिनको भी पूंजी की जरूरत है वो मुद्रा योजना अंतर्गत ऋण प्राप्त करने के लिए एलडीएम कार्यालय के माध्यम से कर सकते हैं आवेदन- उपायुक्त
मिरर मीडिया : कार्यालय विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार, हस्तशिल्प सेवा केंद्र, देवघर द्वारा आदिवासी हस्तशिल्पियों के साथ होटल सोनोटेल में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया।

कार्यशाला का उद्देश्य विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं, जी एस टी, ऑनलाइन मार्केटिंग, उद्यमिता विकास, मुद्रा ऋण, गाँधी शिल्प बाजार, प्रदर्शनी, स्वयं सहायता समूह, ई-कॉमर्स पोर्टल, प्रधानमंत्री बीमा योजना, इत्यादि विषयों पर आमंत्रित विशेषज्ञ द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यशाला के प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि उपायुक्त धनबाद वरुण रंजन ने आश्वासन दिया कि प्रखण्ड स्तर पर हस्तशिल्पियों का डेटाबेस बना कर क्लस्टर बनाया जाएगा। बलियापुर के बांस क्लस्टर में हस्तशिल्पियों के लिए वर्कशेड की मांग की गई है, ज़िला प्रशासन का प्रयास होगा की जल्द से जल्द क्लस्टर में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प विभाग द्वारा समर्थ योजना के तहत हस्तशिल्पियों को प्रशिक्षित किया जाना सहरहनीय पहल है जिससे निरंतर जारी रखा जाए। जिनको भी पूंजी की जरूरत है वो मुद्रा योजना अंतर्गत ऋण प्राप्त करने के लिए एलडीएम कार्यालय के माध्यम से आवेदन कर सकते है। ज़िला प्रशासन हस्तशिल्पियों के हरसंभव मदद के लिए तैयार है।
मौके पर हस्तशिल्पियों को जीएम सीएसआर, सेल सीआरके सुधांशु; एलडीएम, अमित कुमार; महाप्रबंधक डीआईसी, राजेंद्र प्रसाद; प्रोफेसर विभाष चंद्रा, आईआईटी धनबाद; डीडीएम नाबार्ड रवि कुमार लोहानी; भुवन भास्कर, सहायक निदेशक हस्तशिल्प एवं ज़िला युवा पदाधिकरी, नेहरू युवा केन्द्र रवि कुमार द्वारा विभागीय स्तर पर संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई।
मौके पर देवघर, जामताड़ा, धनबाद और बोकारो से आए हुए कुल 42 आदिवासी हस्तशिल्पी एवं विभिन्न विभागों के अधिकारीगण व प्रतिनिधियों ने सहभागिता किया। कार्यशाला में 100 से अधिक बांस शिल्प बनाने वाली एस टी शिल्पियों ने भाग लिया।