बीपीएल कोटे के तहत पब्लिक स्कूलो में छात्रों के नामांकन का खेल – सही और गलत की होगी जांच : पत्र जारी कर जिला शिक्षा अधीक्षक ने माँगा जवाब

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मिरर मीडिया : जिले के पब्लिक स्कूलो में बीपीएल कोटे के तहत छात्रो के नामांकन कितने सही हैं और कितने गलत इससे संबंधित जानकारी जिला शिक्षा अधीक्षक इन्द्रभूषण सिंह ने सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों से साझा करने हेतु पत्र प्रेषित किया है। जिसके अनुसार बीपीएल कोटे के तहत दाखिले को लेकर सीटों की जो जानकारी विभाग को दी जा रही है इसका सत्यापन किया जाएग।

पब्लिक स्कूलो द्वारा सीटों की दी जानकारी की होगी जांच

तीन दिनों के भीतर  मांगा गया नामांकन रजिस्टर

धनबाद जिले में 64 पब्लिक स्कूलों में करीब 500 से भी अधिक सीटें है। जबकि नामांकित छात्रों की संख्या काफी अधिक है। कई पब्ल्कि स्कूल तो ऐसे हैं जहां तीन से चार सेक्सन में कक्षाएं संचालित होती है। लेकिन स्कूल प्रबंधन इंट्री क्लास में मात्र 50 से 70 सीट होने की बात विभाग को बताते है। अब शिक्षा विभाग द्वारा बीपीएल कोटे में स्कूलों में सीटों की वास्तविक संख्या कितनी है इसकी जांच करने का निर्णय लिया गया है। इस क्रम में  स्कूल जाकर कागजात व आवश्यकता अनुरूप उपस्थिति पंजी की भी जांच की जाएगी। ताकि इस बात का पता चले कि स्कूल में इंट्री क्लास में कुल कितने बच्चों का नामांकन लिया जा रहा है।

विगत 2 वर्षों का मांगा गया रिकॉर्ड

इसके अलावा वर्ष 2022-23 में अब तक स्कूल द्वारा बीपीएल कोटे में लिए गए नामांकन की भी जांच की जाएगी। इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह ने जिले के सभी मान्यता प्राप्त पब्लिक स्कूलों के प्राचार्य के नाम पत्र जारी कर शैक्षणिक सत्र 2021-22 एवं 2022-23 में किए गए प्रवेश कक्षा नामांकित छात्रों का नामांकन रजिस्टर तीन दिनों के अंदर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। साथ ही पत्र में यह भी जिक्र किया गया है कि यदि रजिस्टर उपलब्ध कराने में विलंब होगा तो इसकी पूरी जवाबदेही विद्यालय की होगी।

25 फीसदी सीट बीपीएल बच्चों के लिए है आरक्षित

शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में इंट्री क्लास की कुल सीट का 25 फीसदी सीट बीपीएल बच्चों के लिए आरक्षित है। स्कूलों द्वारा सीट की जानकारी डीएसई कार्यालय को दी जानी है। डीएसई ने कहा कि स्कूल प्रबंधन बताते ही नहीं है कि उनके यहां इंट्री क्लास में कुल कितनी सीटें है। इसमें से कितनी सीट पर बीपीएल बच्चों का नामांकन लिया जाएगा। डीएसई के बताया कि अधिकांश स्कूल ऐसे हैं, जो इंट्री क्लास में 50 से कम सीट होने की बात बताते हैं। पर उनके स्कूल में बच्चों के नामांकन की संख्या काफी है। ऐसे स्कूलों की जांच की जाएगी।

प्रति वर्ष रिक्त रह जाती है आरक्षित सीट

पब्लिक स्कूल सीटों की संख्या बताते हैं कुछ और दाखिला लिया जाता है कुछ

पब्लिक स्कूलों में बीपीएल बच्चों के नामांकन के लिए आरक्षित सीट प्रति वर्ष रिक्त रह जाती है। जिले के 64 पब्लिक स्कूलों में बीपीएल बच्चों के लिए 500 से भी अधिक सीटें आरक्षित है। पिछले दो वर्ष में कुल सीट की तुलना में नामांकन का प्रतिशत काफी कम रहा है।

पब्लिक स्कूलों द्वारा नामांकन रजिस्टर जमा करने के बाद विभाग यह आकलन करेगा कि पब्लिक स्कूलों द्वारा नामांकन के लिए दिए गए सीटों की जानकारी कितना सही है कुल कितने सीटें है और बीपीएल कोटे के तहत कुल कितने नामांकन हुए हैं ,गड़बड़ी करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई भी की जाएगी। हालांकि स्कूलों द्वारा दाखिले के नाम पर सीटों की कितनी हेराफेरी होती है यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद शिक्षा विभाग किस प्रकार की कार्रवाई करती है यह देखने वाली बात होगी ।

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