हेमंत सोरेन का किसी विशेष समुदाय के प्रति इतना झुकाव राज्य के लिए काफी दुर्भाग्यपूर्ण – रुपेश सिन्हा
मिरर मीडिया : भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रुपेश सिन्हा ने कहा जिस तरह से हेमंत सरकार द्वारा नई नियमावली एवं घोषणाएं राज्य की जनता के समक्ष रखी जा रही है, इससे यह प्रतीत होता है कि हेमंत सोरेन पूरे झारखंड के नहीं बल्कि किसी विशेष समुदाय के मुख्यमंत्री हैं। वह शायद भूल रहे हैं कि आज जिस जिम्मेवारी वाले पद पर बैठे हैं, वह पूरे राज्य की जनता की बदौलत है ना कि उन विशेष समुदायों के बदौलत।
जब से हेमंत सोरेन की सरकार का गठन किया गया है तब से एक समुदाय विशेष के तुष्टिकरण की राजनीति झारखंड में की जा रही है। कोरोना जैसी महामारी के समय भी डॉक्टरों और किसानों को उनकी धान का पैसा ना देकर उर्दू शिक्षकों को करोड़ों का भुगतान किया जाता है। इतना ही नहीं एक समुदाय विशेष को खुश करने के लिए कोरोना जैसा महामारी में 3 दिन लापरवाही पूर्वक छूट देकर इस राज्य की सुरक्षा को खतरे में डाला जाता है।
जेएसएससी नियमावली में राष्ट्रभाषा हिंदी को हटाकर उर्दू को यथावत रखा जाता है जबकि उर्दू बोलने वालों की संख्या झारखंड में ना के बराबर है। इतने पर भी हेमंत सोरेन सरकार का समुदाय विशेष के प्रति अनन्य प्रेम कम नहीं होता और वह विधानसभा जैसे लोकतंत्र के पवित्र मंदिर में समुदाय विशेष के लिए नमाज अदा करने के लिए विधानसभा भवन में एक कमरा आवंटित करते हैं। इस आवंटन से झारखंड की समस्त जनता में रोष है। विधानसभा में समुदाय विशेष के मात्र चार विधायक होने के बावजूद उन्हें कमरा दिया जाता है। जबकि उपासना करने का अधिकार प्रत्येक धर्मावलंबी को है।
विधायकों की संख्या में बहुसंख्यक हिंदू समाज के विधायक अधिक है इसके बावजूद उन्हें उपासना करने के लिए कोई स्थान नहीं दिया जाता। आदिवासी सरकार का ढिंढोरा पीटने वाले मुख्यमंत्री जी सरना विधायकों के लिए भी कोई जगह आवंटित नहीं करते ।सिर्फ मुस्लिम वोट बैंक के लिए तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं। इस प्रकार एक समुदाय विशेष के लिए हेमंत सोरेन सरकार द्वारा किया गया कृत्य उनकी राजनीतिक अराजकता का स्पष्ट उदाहरण है। भारतीय जनता युवा मोर्चा इस प्रकार की तुष्टिकरण की राजनीति के खिलाफ है। और मांग करता है कि वहां पर हिंदू समाज व सरना धर्मावलंबियों के लिए भी उपासना स्थल का निर्माण कराया जाए।