डिजिटल डेस्क। कोलकाता : पैगंबर मुहम्मद के बारे में कथित आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में इंफ्लुएंसर और कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पनौली के खिलाफ कोलकाता के गार्डेनरीच थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले वजाहत खान कादरी रशीदी पर खुद कई गंभीर आरोप हैं। कादरी के खिलाफ कोलकाता पुलिस के साइबर सेल और महानगर के विभिन्न थानों में सांप्रदायिक व भड़काऊ पोस्ट करने के लिए कम से कम सात प्राथमिकी दर्ज हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन मामलों की जांच जारी है और तथ्यों की पुष्टि के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

प्रसून मैत्र, जिन्होंने कादरी के खिलाफ शिकायत दर्ज की है, ने उसे ‘आदतन अपराधी’ करार देते हुए सवाल उठाया कि पुलिस ने शर्मिष्ठा के मामले में दिखाई गई तत्परता कादरी के मामलों में क्यों नहीं दिखाई? कादरी पर इंटरनेट मीडिया पर हिंदू देवी-देवताओं और परंपराओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों का आरोप है।
कोलकाता के अलावा दिल्ली और गुवाहाटी में भी कादरी के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर लिखा, ‘मां कामाख्या के खिलाफ एक व्यक्ति द्वारा की गई अस्वीकार्य टिप्पणियों के संदर्भ में असम पुलिस ने मामला दर्ज किया है। हम उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए बंगाल सरकार से सहयोग मांगेंगे।’ इस बीच, कादरी के पिता ने दावा किया कि उनका बेटा ‘लापता’ है और शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी के बाद से उनके परिवार को धमकी भरे फोन आ रहे हैं। वहीं, बंगाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने शर्मिष्ठा की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए कहा कि भारतीय संविधान सभी को अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता देता है।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने गार्डेनरीच थाने को 5 जून को शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी से संबंधित केस डायरी पेश करने का आदेश दिया है। उस दिन शर्मिष्ठा की अंतरिम जमानत पर सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति पार्थ सारथी मुखर्जी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि गार्डेनरीच थाने में दर्ज मामले की जांच होगी, जबकि इस मामले से जुड़ी अन्य सभी प्राथमिकी पर अगले आदेश तक कार्रवाई स्थगित रहेगी। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य सरकार शर्मिष्ठा के खिलाफ कोई नया मामला दर्ज न करे।