मिरर मीडिया : कानो में तेज ध्वनि कान को ख़राब कर देती हैं जबकि मधुर और कर्णप्रिय ध्वनि कानो तक अच्छा और मधुर सुनाई पड़ता हैं जिससे लोग चिड़चिड़ा भी नहीं होते। आपको बता दें कि हॉर्न की धुन को बदलने पर काम चल रहा हैं सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही वाहनों से मधुर और कर्णप्रिय ध्वनि सुनाई देंगी। इस बाबत केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक वह एक ऐसा कानून लाने की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत वाहनों के हॉर्न के रूप में केवल भारतीय वाद्ययंत्रों की आवाज का इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि वे एम्बुलेंस और पुलिस की गाड़ियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सायरन का भी अध्ययन कर रहे हैं और उन्हें आकाशवाणी पर बजाए जाने वाली अधिक कर्णप्रिय धुन में बदलने पर विचार कर रहे हैं।
लालबत्ती की ततः अब इन सायरन भी खत्म करना चाहते हैं नितिन गडकरी। उन्होंने कहा कि अब मैं एम्बुलेंस और पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सायरन का अध्ययन कर रहा हूं। एक कलाकार ने आकाशवाणी के लिए एक धुन बनायी और इसे सुबह-सुबह बजाया गया। मैं उस धुन को एंबुलेंस के लिए इस्तेमाल करने की सोच रहा हूं ताकि लोगों को अच्छा लगे। खासकर मंत्रियों के गुजरते समय सायरन का इस्तेमाल जोरदार आवाज में किया जाता है जो बहुत परेशान करने वाला होता है। इससे कानों को भी नुकसान पहुंचता है।
गडकरी ने कहा,मैं इसका अध्ययन कर रहा हूं और जल्द ही एक कानून बनाने की योजना बना रहा हूं कि सभी वाहनों के हॉर्न से भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की आवाज़ आए, ताकि उन्हें सुनना कर्णप्रिय रहे। जैसे बांसुरी, तबला, वायलिन, हारमोनियम।

