मिरर मीडिया : बालू के अवैध खनन पर छापेमारी करने पहुंची टीम को ग्रामीणों ने घंटों बंधक बनाया फिर अतिरिक्त पुलिस बल आने के बाद टीम को बाहर निकाला गया। आपको बता दें कि लगातार बालू की तस्करी को लेकर मिल रहीं सूचना के आधार पर धनबाद एसडीओ प्रेम कुमार तिवारी एवं खनन विभाग की टीम ने पांड्रा बेजरा पंचायत के पोलकेरा स्थित बराकर नदी घाट पर शनिवार की सुबह छापेमारी करने पहुंची ताब सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए और टीम के पदाधिकारियों को बंधक बना लिया। छापेमारी दल में निरसा सीओ नितिन शिवम गुप्ता, पूर्वी टुंडी प्रखंड के सीओ समेत अन्य लोग भी शामिल थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह धनबाद एसडीओ एवं खनन विभाग की टीम ने भारी संख्या में पुलिस बल के साथ पूर्वी टुंडी प्रखंड क्षेत्र के बेजरा बालू घाट पर अवैध बालू उठाव के मद्देनज़र छापेमारी की। सूत्रों कि माने तो छापेमारी की खबर पहले ही लगने से सभी सतर्क और सचेत दिखे जिस कारण बजरा बालू घाट पर कोई वाहन नहीं मिली। हालांकि बालू निकालने के कार्य में लगे नाव किनारे पर बंधे होने के साथ नदी किनारे भारी मात्रा में अवैध बालू का स्टॉक भी मिला।
खबर के अनुसार जब पदाधिकारियों ने पुलिस बल को बजरा घाट पर बालू के स्टाॅक के समीप ही रुकने का निर्देश दिया और एसडीओ एवं खनन पदाधिकारी समेत अन्य लोग पांड्रा बेजरा पंचायत अंतर्गत पोलकेरा के बालू घाट पर कार्रवाई के लिए निकल पड़े। जबकि इस बाबत सौ से भी अधिक ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों के टीम को गांव में बंधक बना लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने गांव के रास्ते को बांस बल्ली आदि लगाकर जाम कर दिया। सड़क पर महिलाओं और बच्चे भी जमे हुए थे। ग्रामीणों के भारी विरोध को देखते हुए एसडीओ ने पुलिस बल से संपर्क किया। वहीं लगभग एक घंटे के बाद अतिरिक्त पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचा और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर प्रशासनिक अधिकारियों को गांव से बाहर निकाला।
वहीं विरोध कर रहे ग्रामीणों के मुताबिक उनकी जमीन पहले ही मैथन डैम के निर्माण में जा चुकी है। जिससे बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। सरकार हम लोगों को रोजगार दे तो हम बालू उठाना बंद कर देंगे। उनकी मांग है कि उन्हें रोजगार चाहिए। हम लोग ट्रैक्टरों में बालू लोड कर अपना एवं अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।