क्या राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद परिवार के अंदर जबरदस्त तनातनी चल रहा है? ये सवाल लालू की बोटी रोहिणी आचार्य के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद उठ रहे हैं। दो दिन पहले ही रोहिणी आचार्य ने अपने भाई तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। अब उन्होंने एक और पोस्ट कर सियासी हलचल बढ़ा दी है।

कभी अपने पिता की जान बचाने के लिए किडनी तक दान कर चुकीं रोहिणी आचार्य ने अब सोशल मीडिया पर ऐसा बयान दिया है, जिससे उनकी नाराजगी साफ झलक रही है। सवाल उठ रहा है कि क्या सच में लालू परिवार में सबकुछ ठीक नहीं है?
रोहिणी का गंभीर पोस्ट
रोहिणी आचार्य ने कुछ देर पहले एक गंभीर पोस्ट किया है। रोहिणी ने लिखा है कि मैंने एक बेटी व बहन के तौर पर अपना कर्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है। मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान सर्वोपरि है। उन्होंने यह पोस्ट एक्स पर कुछ देर पहले शेयर किया है।
क्या रोहिणी पर पोस्ट हटाने का दबाव बनाया गया?
शुक्रवार रात भी उन्होंने दो पोस्ट किए और खुद को एक जिम्मेदार बेटी और बहन बताया। लेकिन अगली सुबह शनिवार को अचानक उनका एक्स अकाउंट प्राइवेट हो गया। शनिवार सुबह 8 बजे से पहले जो पोस्ट सार्वजनिक थे, वे 8 बजे के बाद अचानक से गायब हो गए। राजधानी पटना के सियासी गलियारों में ये चर्चा का विषय बन गया है कि क्या रोहिणी पर पोस्ट हटाने का दबाव बनाया गया और क्या ये दबाव उनके घर में ही तेजस्वी की ओर से दिया गया!
रोहिणी की नाराजगी की वजह संजय यादव
इस विवाद की वजह तेजस्वी यादव के सबसे करीबी और राजनीतिक सलाहकार संजय यादव हैं। हाल ही में एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें तेजस्वी यादव की यात्रा बस (रथ) की फ्रंट सीट पर संजय यादव बैठे नजर आए। परिवार के अंदर से ही आवाज उठी कि इस जगह पर या तो लालू प्रसाद खुद होने चाहिए थे या फिर तेजस्वी। रोहिणी आचार्य ने एक फेसबुक पोस्ट को शेयर करते हुए पूछा कि आखिर संजय यादव तेजस्वी की सीट पर क्यों बैठे हैं? उनका इशारा साफ था कि कहीं संजय यादव खुद को पार्टी और परिवार के सबसे बड़े फैसले लेने वालों में तो नहीं देख रहे। हालांकि, बाद में रोहिणी ने वह पोस्ट हटा दिया, लेकिन तब तक बिहार की राजनीति में हड़कंप मच चुका था।
तेज प्रताप यादव भी इस मुद्दे को उठा चुके
रोहिणी से पहले लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं। तेज प्रताप ने संजय यादव पर कई बार ‘जयचंद’ जैसे तंज कसे और सीधे उन्हें परिवार को तोड़ने का जिम्मेदार ठहराया।

