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2004 से लगातर भाजपा की पकड़ वाली Dhanbad सीट पर आखिर कौन मारेगा बाजी ? : जोड़-घटाव शुरू पर क्या कहते हैं आंकड़े…

Dhanbad लोकसभा चुनाव छिटपुट घटनाओं के साथ सम्पन्न हो गया है। धनबाद संसदीय क्षेत्र में आने वाले सभी 2539 मतदान केंद्रों के EVM में क्षेत्र से खड़े सभी उम्मीदवार के भाग्य का खजाना बंद हो गया है जबकि काफी सुरक्षा के साथ EVM को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखकर उसे सील कर दिया है।

जोड़ घटाव में लग गए हैं उम्मीदवार और समर्थक

बता दें कि धनबाद में मतदान छठे चरण के अंतर्गत 25 मई को संपन्न हुआ है। जबकि मतगणना 4 जून को होना तय है। मान्यता प्राप्त दल सहित निर्दलीय उम्मीदवार को भी अपनी चुनावी किस्मत के फैसले के लिए 4 जून का इंतजार करना होगा। ऐसे में धनबाद संसदीय क्षेत्र से खड़े उम्मीदवार और उनके समर्थक अभी से जोड़-घटाव में जुट गए हैं। हालांकि Dhanbad लोकसभा मतदान में अगर NOTA का भी बटन दबाया गया तो इससे किसे लाभ और हानि पहुंचेगा ये तो EVM का पिटारा खुलने के बाद सामने आएगा कि जनता ने किसे सांसद चूना है और किसे दरकिनार किया है।

Dhanbad लोकसभा क्षेत्र में किसकी कितनी पकड़ इस पर मंथन जारी

Dhanbad लोकसभा क्षेत्र में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में किसकी कितनी पकड़ है इसपर मंथन के साथ हुई वोटिंग की प्रतिशतता के आंकड़े के सहारे उम्मीदवार जोड़ – घटाव करना शुरू कर दिये हैं। बता दें कि धनबाद लोकसभा क्षेत्र में इस बार 62.06% वोटिंग हुई जिसमें चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादातर 72.98% वोटिंग हुई है वहीं दूसरे नंबर पर सिंदरी विधानसभा क्षेत्र 72.57% और तीसरे में 70.73% प्रतिशत वोटिंग निरसा में हुई।

भाजपा की पकड़ वाली विधानसभा क्षेत्र में वोट ज्यादा पड़ने की उम्मीद

चन्दनक्यारी की बात करें तो यहाँ भाजपा नेता उमर बाउरी की काफ़ी पकड़ है। जहाँ भाजपा समर्थक उम्मीद जता रहें है कि यहाँ उन्हें अधिक वोट पड़ी है। जबकि निरसा में भी भाजपा नेत्री अपर्णा सेन गुप्ता की विधायकी क्षेत्र में आता है जहाँ से भी भाजपा को अच्छी वोट आने की उम्मीद है। सिंदरी विधानसभा के कुछ बूथों पर वोट बहिष्कार के साथ यह अनुमान लगाया जा सकता है कि ग्रामीण पिछले सांसदी से नाखुश थे यानी भाजपा के कार्यकाल का बहिष्कार के साथ यहाँ वोट की प्रतिशतता कम हो सकती है। हालांकि ये सिर्फ 3-4 मतदान केंद्रों तक ही सीमित रहा।

झरिया विधानसभा में कांग्रेस एवं निरसा, धनबाद, सिंदरी, बोकारो और चंदनकियारी में भाजपा की पकड़

कुल मिलाकर कहें तो झरिया विधानसभा क्षेत्र पर अभी कांग्रेस का कब्जा है वहीं निरसा, धनबाद, सिंदरी, बोकारो और चंदनकियारी विधानसभा सीट भाजपा के कब्जे में है। तुलनात्मक दृष्टिकोण से देखें तो पलड़ा BJP का भारी लग रहा है पर ज़नाब ये तो राजनीति है यहाँ बिना अंतिम वोटो की गिनती और परिणाम के कुछ कह पाना अतिश्योक्ति होगी।

भाजपा प्रत्याशी ढुलू महतो एवं कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह के बीच कांटे का टक्कर

इधर कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह ने भी चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक जनसम्पर्क कर जनसमर्थन जुटाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी लिहाजा यहाँ ये तो तय कि भाजपा प्रत्याशी ढुलू महतो एवं कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह के बीच कांटे का टक्कर है पर Dhanbad से निर्दलीय उम्मीदवार सुनैना किन्नर, मासस प्रत्याशी एवं जयराम महतो के पार्टी के उम्मीदवार को साइड नहीं कर सकते यहीं सब है जो गेम चेंजर साबित हो सकते हैं।

2019 की तुलना में 2024 में वोट का प्रतिशत बढ़ा

जानकारी दे दें कि वर्ष 2024 में Dhanbad लोकसभा का मतदान प्रतिशत बढ़ा है जिसका असर पार्टी विशेष पर पड़ सकता है। लेकिन इसके विपरीत बोकारो और चंदनकियारी  में 2019 के मतदान प्रतिशत की तुलना करें तो 2024 में वोट का प्रतिशत कम हुआ है। 2019 में बोकारो में 53.08 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2024 में 52.86 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा सामने आया है। इसी तरह चंदनकियारी  में 2019 में 73.8 2% मतदान हुआ था जबकि  2024 में मतदान प्रतिशत घट कर 72.98% पर सिमट गई। 

2024 में 62.06 प्रतिशत जबकि 2019 में 60.4 7% मतदान हुआ

एक नजर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव पर डाले तो सिंदरी में 71.49 प्रतिशत, निरसा में 67.79 प्रतिशत, धनबाद में 55.07 प्रतिशत, झरिया में 50. 60% वोटिंग हुई थी। इसी तुलना में 2024 में सिंदरी विधानसभा में 72.57 प्रतिशत, निरसा  में 70.73 प्रतिशत, धनबाद में 56.49 प्रतिशत, झरिया में 55.84% मतदान हुआ है।  कुल मिलाकर  62.06 प्रतिशत मतदान हुआ है, जबकि 2019 में 60.4 7% मतदान हुआ था।

2004 से भाजपा जीतती आ रही है

गौरतलब है कि Dhanbad लोकसभा क्षेत्र में BJP का अपना इतिहास रहा है। 2004 के बाद कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार यहाँ से जीत नहीं पाया है। वहीं 2024 में भी इंडी गठबंधन में धनबाद लोकसभा सीट कांग्रेस के पाले में चली गई जिससे अन्य कोई पार्टी ने अपने उम्मीदवार खड़े नहीं किये।

4 जून को फैसला कौन मारेगा बाजी

बहरहाल जनता ने मतदान कर दिया है और उम्मीदवारों का भाग्य EVM में बंद हो चुकी है जो 4 जून को सबके सामने आ जाएगा। अब यह देखना है कि भाजपा का गढ़ माने जाने वाला Dhanbad लोकसभा सीट में क्या कांग्रेस पार्टी सेंध लगा पाएगी या फिर कोई तीसरा बाजी मारेगा या वर्षो पुरानी वही परंपरा चलती रहेगी।

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KK Sagar
KK Sagar
उत्कृष्ट लेखनी के लिए निष्पक्षता, पारदर्शिता और ईमानदारी का होना बेहद जरुरी है। और यहीं कई वर्षो का अनुभव मुझे मेरे पत्रकारिता में लेखनी को आकर्षक बनाता है। आप पाठकों का प्यार मुझे ऐसे ही आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहें और आगे भी मैं ऐसे ही लिखता रहूं। k k sagar....✍️....

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