भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए उन 17 पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया है, जिन्होंने साल 2019 से अब तक किसी भी चुनाव में भाग नहीं लिया है। आयोग का यह कदम चुनावी पारदर्शिता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
निष्क्रियता पर चिंता, सुविधाओं का हो रहा दुरुपयोग
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि इन दलों को भले ही लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत कुछ विशेष लाभ प्राप्त हैं, लेकिन उनकी चुनावी भागीदारी न के बराबर रही है। ऐसे में यह चिंता का विषय बन गया है कि यह दल सिर्फ कागज़ों पर सक्रिय हैं, जबकि व्यवहार में कोई राजनीतिक गतिविधि नहीं हो रही है।
आयोग ने भेजा औपचारिक पत्र
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से पत्र संख्या 56/2025/PPS-III दिनांक 26 जून 2025 को जारी किया गया है, जिसके तहत निम्नलिखित राजनीतिक दलों को नोटिस भेजा गया:
- भारतीय बैकवर्ड पार्टी
- भारतीय सुराज दल
- भारतीय युवा पार्टी (डेमोक्रेटिक)
- भारतीय जनतंत्र सनातन दल
- बिहार जनता पार्टी
- देशी किसान पार्टी
- गांधी प्रकाश पार्टी
- हमदर्दी जनरक्षक समाजवादी विकास पार्टी (जनसेवक)
- क्रांतिकारी साम्यवादी पार्टी
- क्रांतिकारी विकास दल
- लोक आवाज दल
- लोकतांत्रिक समता दल
- राष्ट्रीय जनता पार्टी (भारतीय)
- राष्ट्रवादी जन कांग्रेस
- राष्ट्रीय सर्वोदय पार्टी
- सर्वजन कल्याण लोकतांत्रिक पार्टी
- व्यवसाई किसान अल्पसंख्यक मोर्चा
15 जुलाई तक जवाब देने का समय
चुनाव आयोग ने इन सभी दलों को 15 जुलाई 2025 तक अपना लिखित जवाब और आवश्यक दस्तावेज सहित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार के कार्यालय में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। साथ ही, उक्त जवाब की स्कैन कॉपी ईमेल के माध्यम से ceo_bihar@eci.gov.in पर भी भेजने को कहा गया है।
जवाब नहीं मिलने पर होगी ‘डीलिस्टिंग’
अगर निर्धारित समयावधि में किसी भी दल की ओर से संतोषजनक उत्तर नहीं प्राप्त होता है, तो आयोग संबंधित दल को डीलिस्ट (De-list) करने की कार्रवाई शुरू करेगा। इसका मतलब है कि उस दल का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा, जिससे उसे मिलने वाली तमाम चुनावी सुविधाएं जैसे:
चुनाव चिन्ह का आवंटन
आयकर में छूट
प्रचार-प्रसार में सरकारी लाभ
समाप्त कर दिए जाएंगे।
जानकारी सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध
चुनाव आयोग द्वारा जारी नोटिस और पत्र की प्रतिलिपि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार की वेबसाइट https://ceoelection.bihar.gov.in/rupp.html पर भी अपलोड कर दी गई है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और संबंधित दल इसे देख सकें।