में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों की जांच में तेजी आ गई है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने राष्ट्रीय जनता दल की पूर्व विधायक बीमा भारती और तीन अन्य को नोटिस जारी किया है। पिछले साल राजग सरकार के विश्वासमत से पहले दस-दस करोड़ रुपये का प्रलोभन देकर जदयू विधायकों को महागठबंधन के पाले में लाने के आरोप बीमा भारती समेत चार लोगों पर शिकंजा कसता दिख रहा है।

ईओयू ने फरवरी 2024 में एनडीए सरकार द्वारा जीते गए विश्वास मत से पहले खरीद-फरोख्त के आरोपों की जांच कर रहा है। इस मामले में जांच में तेजी लाते हुए ईओयू ने सोमवार को आरजेडी की पूर्व विधायक बीमा भारती, प्रमोद कुमार, संजय पटेल और सनी कुमार को नोटिस भेजा है। इन सभी को जदयू विधायक सुधांशु शेखर द्वारा लगाए गए हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। हालांकि, अभी तारीख तय नहीं की गई है
जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर ने लगा गंभीर आरोप
जनता दल यूनाइटेड के विधायक सुधांशु शेखर ने आरोप लगाया कि उन्हें राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होने के लिए रिश्वत की पेशकश की गई थी, जिसने राजनीतिक उथल-पुथल के कारण सत्ता खो दी थी। इसी वजह से शक्ति परीक्षण की आवश्यकता पड़ी थी। जनता दल यूनाइटेड के विधायक ने दावा किया था कि उन्हें यह कहा गया था कि अगर वह राजद को विश्वास मत जीतने में मदद करते और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनाते तो उन्हें 10 करोड़ रुपये नगद और मंत्री पद दिए जाते।
फ्लोर टेस्ट के दौरान गायब थीं बीमा
बता दें कि बीमा भारती उस समय जदयू में थी और फ्लोर टेस्ट के दौरान अचानक लापता हो गई थी। विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बीमा भारती नहीं पहुंचीं। बाद में जब सरकार के अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में बहुमत के आधार पर अवध बिहारी चौधरी पूर्व अध्यक्ष हो गए तो वह आयीं। उन्होंने कहा कि वह बीमार पति के साथ दो गाड़ियों में परिवार समेत पटना आ रही थीं, तभी मोकामा में पुलिस ने उन्हें रोक लिया। उन्होंने बताया कि उनके पति और बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर थाने में बैठा रखा है, लेकिन असल बात यह थी कि अवधेश मंडल के पास हथियार होने की वजह से उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया है