डिजिटल डेस्क। कोलकाता : अगले साल की शुरुआत में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। एक ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भाजपा शासित राज्यों में काम कर रहे बंगाली प्रवासी श्रमिकों के कथित उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक राजनीतिक आंदोलन छेड़ रखा है। दूसरी ओर इस आरोप का मुकाबला करने के लिए राज्य में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अब दूसरे राज्यों में काम कर रहे बंगाल के शिक्षित और पेशेवर युवाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। भाजपा का मानना है कि यह वर्ग बंगाल की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
पश्चिम बंगाल भाजपा का युवा मोर्चा दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों में आईटी सेक्टर समेत विभिन्न कॉर्पोरेट संस्थानों में काम कर रहे बड़ी संख्या में बंगाली प्रवासी युवाओं से संपर्क बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। भाजयुमो का लक्ष्य विधानसभा चुनाव से पहले अन्य राज्यों में काम करने वाले करीब 10 लाख बंगाली युवाओं से संपर्क स्थापित करना है, ताकि उन्हें पार्टी की विचारधारा से जोड़ा जा सके।
इस अभियान के तहत भाजयुमो ने एक विशेष वेबसाइट लॉन्च की है, जिसके माध्यम से युवाओं को पार्टी की नीतियों और राज्य के विकास के लिए भाजपा की दृष्टि से अवगत कराया जाएगा। इसके अलावा, भाजयुमो के कार्यकर्ता इन शहरों में विशेष अभियान चलाएंगे। अन्य राज्यों के युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं को भी इन बंगाली पेशेवरों से संपर्क करने और किसी भी प्रकार की समस्या में उनकी मदद करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर और लिंक्डइन का उपयोग भी इस अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इस पहल पर बोलते हुए, पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष ने कहा ‘ममता बनर्जी और उनकी पार्टी प्रवासी श्रमिकों के नाम पर केवल राजनीति कर रही हैं। वे केवल वोट बैंक की चिंता करती हैं, लेकिन बंगाल के शिक्षित युवाओं के भविष्य की नहीं। हम उन युवाओं तक पहुंचना चाहते हैं जो बंगाल छोड़कर दूसरे राज्यों में बेहतर अवसरों की तलाश में गए हैं। हम उन्हें बताना चाहते हैं कि भाजपा का लक्ष्य एक ऐसा ‘सोनार बांग्ला’ बनाना है, जहां उन्हें अपने घर में ही सम्मानजनक नौकरी और विकास के अवसर मिल सकें। हमारा यह अभियान उन सभी बंगाली युवाओं को समर्पित है जो राज्य के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं।’
यह अभियान भाजपा की चुनावी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो बंगाल के युवाओं को सीधे पार्टी से जोड़ने और राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने पर केंद्रित है। भाजपा का मानना है कि इन पढ़े-लिखे युवाओं का समर्थन चुनाव में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।