पिछले दिनों लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने 7 अगस्त को वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर एक घंटे से ज़्यादा का प्रजेंटेशन दिया था। उन्होंने दावा किया था कि लोकसभा चुनावों के साथ-साथ महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में भी ‘वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर धांधली’ की गई। राहुल गांधी पिछले कुछ समय से एसआईआर और वोटर लिस्ट में कथित धांधली को लेकर चुनाव आयोग पर लगातार सवाल उठा रहे थे। इस बीच रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर राहुल गांधी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उनके आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि अगर दावे का सबूत है, तो 7 दिन के भीतर शपथपत्र दें नहीं तो पूरे देश से माफी मांगनी होगी। इस बीच जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बड़ी बयान दिया है।

चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए-पीके
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर वोट चोरी के मामले में राहुल गांधी के समर्थन में दिखे। प्रशांत किशोर ने कहा, “मान लीजिए कि राहुल गांधी चुनाव आयोग की बात नहीं मानते हैं तो चुनाव आयोग क्या कर लेगा? राहुल गांधी और चुनाव आयोग एक-दूसरे के बारे में क्या कह रहे हैं ये जरूरी नहीं है। विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी जो मामले सामने रखे हैं उस पर बिंदुवार जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए, चाहे फेक एड्रेस का हो, नए मतदाताओं के जोड़ने का मामला हो, जवाब देने के बजाय आप कह रहे हैं कि माफी मांगो…”
चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण पेश करना चाहिए-पीके
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर रविवार को ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के दौरान बेगूसराय के सिद्धपीठ बड़ी दुर्गा मंदिर में पूजा-अर्चना की और बिहार के बेहतर भविष्य की कामना की। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव की निष्पक्षता और शुचिता पर कोई सवाल न उठे, यह सुनिश्चित करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है, इसलिए उन्हें अपना स्पष्टीकरण पेश करना चाहिए।
पीके ने पूछा- सब बेबुनियाद है बताइए तो कैसे…?
इस सवाल पर कि चुनाव आयोग कह रहा है कि यह सब बेबुनियाद है। इस पर पीके ने कहा, आप बताइए तो कैसे…? राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि कई मतदाताओं के पते के सामने जीरो लिखा हुआ है, तो समझ में आता है कि बिहार में देश में कई घरों का जब हाउस नंबर नहीं होता है तो उसके सामने आपने जीरो लिख दिया, यह बात समझ में आती है, लेकिन ऐसी ही कई और बातों को राहुल गांधी ने बताया है उसको क्यों नहीं बता रहे हैं?”
चुनाव आयोग ने कहा-हलफ़नामा दें या माफ़ी माँगें
इससे पहले रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर राहुल गांधी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उनके आरोप बेबुनियाद हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, इनकी जाँच बिना हलफ़नामा दाख़िल किए नहीं हो सकती है। या तो राहुल गांधी हलफ़नामा दें या फिर देश से माफ़ी माँगें। अगर वो सात दिन के अंदर माफ़ी नहीं माँगते हैं, तो समझा जाएगा कि ये आरोप (वोटर लिस्ट में गड़बड़ी) बेबुनियाद हैं।
चुनाव आयोग से राहुल गांधी के पांच सवाल
दरअसल राहुल गांधी ने “वोट चोरी” का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से पांच सवाल किए थे। राहुल गांधी ने पूछा था कि चुनाव आयोग वोटर लिस्ट में इतने बड़े पैमाने पर फ़र्ज़ीवाड़ा क्यों कर रहा है? वो बीजेपी के एजेंट की तरह काम क्यों कर रहा है? वो वोटिंग के वीडियो सबूत नष्ट क्यों कर रहा है? लोगों को मशीन से पढ़े जाने वाले डिजिटल फ़ॉर्मेट में वोटर लिस्ट क्यों नहीं दे रहा है और विपक्ष के सवालों के जवाब देने के बजाय उन्हें धमकी क्यों दे रहा है? उन्होंने बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए थे।