नेपाल मे जारी हिंसा के बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी ने चौंकाने वाला बयान दिया है। नेपाल में हुई हालिया हिंसा को लेकर उन्होने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने इस हिंसा के पीछे कांग्रेस की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।

नेपाल में अराजकता की जड़ में कांग्रेस की पुरानी गलतियां- सम्राट चौधरी
बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि अगर नेपाल और पाकिस्तान भारत का हिस्सा होते, तो वे भी आज भारत की तरह शांतिपूर्ण और समृद्ध होते। सम्राट चौधरी ने अपने बयान में कांग्रेस पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, नेपाल में जो अराजकता और हिंसा फैल रही है, उसकी जड़ में कांग्रेस की पुरानी गलतियां हैं। अगर नेपाल और पाकिस्तान को भारत से अलग न किया गया होता, तो आज ये देश भी भारत की तरह ही विकास और शांति के रास्ते पर होते। कांग्रेस की नीतियों ने न सिर्फ इन देशों को अलग किया, बल्कि इसका असर भारत की सुरक्षा और स्थिरता पर भी पड़ रहा है।
नेपाल के भारत में विलय का नेहरू ने किया था विरोध- सम्राट चौधरी
सम्राट चौधरी ने कहा, कि इतिहास में देखें तो नेपाल और भारत के बीच जुड़े संबंधों की जड़ें काफी पुरानी हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुस्तक ‘द प्रेसिडेंशियल इयर्स’ के अनुसार, नेपाल के राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह ने एक बार नेपाल को भारत में विलय करने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा कि 1940 के दशक के अंत में चीन की साम्यवादी क्रांति और 1950 में तिब्बत पर उसके कब्जे से चिंतित राजा त्रिभुवन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से विलय का अनुरोध किया। नेहरू ने इसे अस्वीकार कर दिया और तर्क दिया कि नेपाल को स्वतंत्र और लोकतांत्रिक राष्ट्र बने रहना चाहिए।
नेपाल में हिंसा का दौर
नेपाल में हाल ही में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ जेन-जी आंदोलन हिंसक रूप ले चुका है। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति आवास, और कई मंत्रियों के घरों में आगजनी और तोड़फोड़ की। इस हिंसा में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है, और सैकड़ों लोग घायल हुए है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है, जिससे देश में सियासी संकट और गहरा गया है।
हिंसा का भारत-नेपाल सीमा पर असर
नेपाल की अस्थिरता का असर भारत-नेपाल सीमा पर भी देखने को मिल रहा है। बिहार के सात जिलों पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, सुपौल और किशनगंज में हाई अलर्ट जारी किया गया है। भारत-नेपाल सीमा पर सशस्त्र सीमा बल की तैनाती बढ़ा दी गई है, और मैत्री पुल पर कड़ी निगरानी की जा रही है।