Delhi: राधाकृष्णन ने ली उपराष्ट्रपति पद की शपथ, समारोह में धनखड़ भी नजर आए

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By Neelam
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सीपी राधाकृष्णन ने देश के 15वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। राधाकृष्णन ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को हराकर उपराष्ट्रपति चुनाव जीता था। शुक्रवार को हुए शपथग्रहण समारोह में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कैबिनेट के कई बड़े मंत्री मौजूद रहे। इस खास समारोह के दौरान पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद थे। बता दें कि पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जुलाई में अपने पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में दिखाई दिए।

सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों से हराया

21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। संसद के हालिया मानसून सत्र के दौरान जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनका कार्यकाल दो साल बचा हुआ था। उनके इस्तीफे के कारण मध्यावधि चुनाव कराया गया। इसके बाद 9 सितंबर को नए उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव हुआ था। मंगलवार को हुए चुनाव में एनडीए उम्मीदवार चंद्रपुरम पोन्नुसामी (सीपी) राधाकृष्णन ने जीत हासिल कर ली थी। राधाकृष्णन ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराकर उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीत था। 

महाराष्ट्र राज्यपाल पद से दिया इस्तीफा

इससे पहले उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया था। गुरुवार को राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई थी। राष्ट्रपति मुर्मू ने राधाकृष्णन के इस्तीफे के बाद गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। देवव्रत अब दोनों राज्यों के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभालेंगे। 

सीपी राधाकृष्णन का सफर

देश के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए सीपी राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति पद की तक यात्रा असाधारण रही है। इस सफर की शुरुआत छात्र आंदोलन से हुई और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव के बाद इसका विस्तार राष्ट्रीय फलक तक हुआ। संघ से सक्रिय राजनीति में आए सीपी राधाकृष्णन ने भाजपा में संगठन में लंबे समय तक काम किया। 2004 से 2007 तक वह तमिलनाडु प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे। इस दौरान 2007 में उन्होंने 93 दिनों में 19,000 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा की। इसका मकसद देश की नदियों को जोड़ना, आतंकवाद का उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करना, अस्पृश्यता निवारण और मादक पदार्थों के खतरों से निपटना था। 2020 से 2022 तक वह केरल भाजपा के प्रभारी भी रहे। उन्हें संगठन और प्रशासन दोनों क्षेत्रों में मजबूत पकड़ वाला नेता माना जाता है। विनम्र और सुलभ नेता की छवि रखने वाले राधाकृष्णन को उनके समर्थक तमिलनाडु का मोदी कहकर पुकारते हैं।

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