बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित होने के बाद प्रत्याशियों ने अपना जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। प्रत्याशी वोट की अपील लेकर जनता के पास पहुंच रहे हैं। ऐसे ही प्रचार अभियान के दौरान दरभंगा जिले के हायाघाट विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी रामचंद्र साहू को जनता के अक्रोश का सामना करना पड़ा।

चुनाव प्रचार करने गए नेताजी के खिलाफ गांव के मतदाताओं ने विरोध में नारेबाजी की। उसके बाद उन्हें गांव में प्रवेश करने से रोक दिया। रामचंद्र साहू को इस दौरान समर्थकों के साथ गांव से बाहर निकल कर वापस जाना पड़ा। इस दौरान हंगामा भी हुआ। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए उनके सुरक्षाकर्मियों और कार्यकर्ताओं ने गांव से निकाला।
ग्रामीणों का आक्रोश के सामने विधायक और समर्थकों की एक न चली
बीजेपी प्रत्याशी और मौजूदा विधायक रामचंद्र साहू अपने समर्थकों के साथ क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान के लिए पहुंचे थे। जैसे ही उनका काफिला अटहर गांव में दाखिल हुआ बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण, जिनमें महिलाएं और युवा भी शामिल थे, वे इकट्ठा होकर विधायक का रास्ता रोक लिया। इसके साथ ही ‘रामचंद्र साहू वापस जाओ,’विकास के नाम पर वोट नहीं, और 5 साल तक कहां थे? जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए। ग्रामीणों का आक्रोश इतना ज्यादा था कि विधायक और उनके समर्थकों की एक न चली।
ग्रामीण बोले- पिछले पांच साल में विधायक ने कुछ नहीं किया
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अटहर गांव की किसी भी पंचायत में पिछले पांच साल में विधायक द्वारा कोई विकास कार्य नहीं हुआ। गांव में सड़क, नाला, बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बहुत खराब है। उनका कहना है कि विधायक रहते हुए रामचंद्र साह ने क्षेत्र की समस्याओं पर कभी ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने कहा कि उनकी जीत केवल बीजेपी के नाम पर होती है। जनता पार्टी को देखकर वोट देती है, लेकिन रामचंद्र साह इसका फायदा उठाते हैं। गांव में किसी भी तरह के विकास कार्य पर उनका ध्यान नहीं रहता और शिकायत करने पर उन्हें अनसुना कर दिया जाता है।

