राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 75वें संविधान दिवस के मौके पर पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आयोजित विशेष समारोह का नेतृत्व किया। कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत का लोकतंत्र दुनिया के लिए मिसाल है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे संविधान-निर्माता चाहते थे कि हमारे व्यक्तिगत और लोकतांत्रिक अधिकार हमेशा सुरक्षित रहें। केंद्र की नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालना देश की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान के डिजिटल संस्करण का 9 भाषाओं में विमोचन किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 75वें संविधान दिवस के मौके पर संसद में आयोजित विशेष कार्यक्रम में देश को संबोधित किया। संसद भवन के सेंट्रल हॉल से बोलते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संविधान से हमारा स्वाभिमान सुनिश्चित हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज के दिन 26 नवंबर 1949 में संविधान सभा के सदस्यों ने भारत संविधान के निर्माण का कार्य संपन्न किया था। आज के दिन उस पर हम भारत के लोगों ने अपने संविधान को अपनाया था। स्वाधीनता के बाद संविधान सभा ने भारत की अंतरिम संसद के रूप में भी कर्तव्य का निर्वाहन किया।
तीन तलाक से लेकर अनुच्छेद 370 तक का जिक्र
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालना देश की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, तीन तलाक से जुड़ी सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाकर संसद ने हमारी बहनों और बेटियों के सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए। देश के आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार, वस्तु एवं सेवा कर (GST), लागू किया गया। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से एक ऐसी बाधा दूर हुई जो देश के समग्र राजनीतिक एकीकरण में रुकावट डाल रही थी।
9 भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण
इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया सहित 9 भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी किया।

