प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का नाम बदलकर अब सेवातीर्थ कर दिया गया है। इसके साथ ही केंद्रीय सचिवालय के नाम में भी बदलाव किया गया है। सचिवालय का नाम कर्तव्य भवन होगा। इससे साथ ही केंद्र सरकार ने देश में राज भवनों का नाम बदल कर लोक भवन करने का एलान किया है।

पीएमओ जल्द ही साउथ ब्लॉक के अपने पुराने दफ्तर से निकलकर नए ‘सेवा तीर्थ’ कॉम्प्लेक्स में शिफ्ट हो जाएगा। यह बड़ा बदलाव दशकों बाद हो रहा है। नया पीएमओ ‘सेवा तीर्थ-1’ से काम करेगा, जो एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव-1 में बनी तीन नई आधुनिक इमारतों में से एक है। इसी कॉम्प्लेक्स की ‘सेवा तीर्थ-2’ और ‘सेवा तीर्थ-3’ इमारतों में कैबिनेट सेक्रेटेरिएट और नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) का ऑफिस होगा।
क्यों बदला गया राज भवन का नाम?
बता दें कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम, उत्तराखंड, ओडिशा, गुजरात और त्रिपुरा ने अपने राज भवन का नाम बदलकर लोक भवन कर दिया है। वहीं लद्दाख के उपराज्यपाल के निवास-कार्यालय को अब लोक निवास कहा जाएगा। इसे पहले राज निवास कहा जाता था। यह बदलाव गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक निर्देश के बाद हुआ है।
यह बदलाव गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक निर्देश के बाद किए गए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल राज्यपालों के सम्मेलन में हुई एक चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि राज भवन नाम औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। इसलिए राज्यपालों और उप-राज्यपालों के कार्यालयों को अब लोक भवन और लोक निवास के नाम से जाना जाएगा
राजपथ का भी बदला गया था नाम
इससे पहले, राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया गया था और सरकारी कामकाज में इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल बढ़ रहा है। गणतंत्र दिवस पर होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह में भी अब अबाइड विद मी जैसे अंग्रेजी धुनें नहीं बजाई जातीं।

